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दाह-संस्कार के लिए बनाया चलता-फिरता और इको-फ्रेंडली शवदाह गृह

By निशा डागर

‘नोबल कॉज’, एक कार्ट के आकार का इको-फ्रेंडली शवदाह गृह है, जिसमें पहिए लगे हैं। इसे जरूरत के हिसाब से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इस सिस्टम को ‘चीमा बॉयलर्स लिमिटेड’ के चेयरमैन, हरजिंदर सिंह चीमा ने IIT रोपड़ की मदद से बनाया है।

चंडीगढ़: घर से शुरू किया स्ट्रॉबेरी बिजनेस, 1100 ग्राहकों तक पहुंचाते हैं ताजा स्ट्रॉबेरी

By निशा डागर

चंडीगढ़ के रहने वाले भाई-बहन, वृत्ति नरूला और पार्थ नरूला ने लॉकडाउन के दौरान, अपने खेतों में उगी जैविक स्ट्रॉबेरी को लोगों तक पहुंचाना शुरू किया था। आज अपने ब्रांड नाम ‘फ्रेशविल’ के जरिए, वे ताजा स्ट्रॉबेरी के साथ-साथ, जैम, क्रश, स्लश जैसे खाद्य उत्पाद भी लोगों को उपलब्ध करा रहे हैं।

पंजाब: अमेरिका से लौटकर शुरू की प्राकृतिक खेती, 17 परिवारों तक पहुंचा रहे हैं जैविक भोजन

By निशा डागर

मोहाली, पंजाब के रहने वाले 57 वर्षीय किसान, चरणदीप सिंह अपनी सात एकड़ जमीन पर गेहूं, चावल, दाल, मौसमी सब्जियां, मसाले और कई तरह के फल उगा रहे हैं। कुदरती तरीकों से खेती करने के कारण, उनके खेतों में 50 से ज्यादा प्रजातियों के पक्षी आते हैं।

वैज्ञानिकों ने बनाई गेहूं की काली,नीली और बैंगनी किस्में, सामान्य गेंहू से बेहतर है पोषण

By निशा डागर

पंजाब के मोहाली में नेशनल एग्री-फूड बायोटेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट (NABI) की वैज्ञानिक डॉ. मोनिका गर्ग ने गेहूं की तीन नई किस्में विकसित की हैं- काली, नीली और बैंगनी। जो ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल और शरीर में वसा के स्तर को कम करने में मददगार साबित हो सकती है।

बिहार का यह किसान उगा रहा है 'मैजिक धान', इसके चावल पकते हैं ठंडे पानी में

By निशा डागर

बिहार के पश्चिमी चंपारण के किसान विजय गिरी पिछले तीन साल से काला गेहूँ, काला धान और मैजिक धान की खेती कर रहे हैं!

कबाड़ से जुगाड़: फेंकी हुई चीज़ों से खूबसूरत होम डेकोर बना देते हैं मोहाली के गुरप्रीत!

तोरई से बनाये गए लैंप शेड को गुरप्रीत अपनी सबसे अनोखी कलाकारी मानते हैं। ये उनके दिल के सबसे करीब है क्योंकि इस तोरई को गुरप्रीत ने खुद अपने घर में ही उगाया था।

किसानों के लिए कम लागत की मशीनें बनाने वाला मैकेनिकल इंजीनियर!

By निशा डागर

"बड़े किसानों के लिए तो बाज़ार में उपलब्ध मशीनें खरीदना बहुत आसान है, लेकिन छोटे किसानों के लिए यह बहुत ही मुश्किल है। ऐसे में अगर हम भी सिर्फ मुनाफे के बारे में सोचेंगे तो उनका क्या होगा?"