साल 2016 से राजकोट के उपलेटा तालुका की किरण पिठिया, अपने पति रमेश पिठिया के साथ मिलकर, गरीब और बेसहारा मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए एक विशेष संस्था चला रही हैं, जहां इन बच्चों की मुफ्त में सेवा की जाती है।
पढ़िए छतरपुर, मध्यप्रदेश के डॉ. संजय शर्मा की अनोखी सेवा के बारे में, वह पिछले 30 सालों से उन लोगों के लिए काम कर रहे हैं, जो खुद के बारे में भी सोचने की शक्ति नहीं रखते।
पिता को खोने के बाद, जल्पा ने सड़क के किनारे रह रहे बेसहारा लोगों की मदद करने की सोची। वह पिछले आठ सालों से जरूरतमंदों के लिए खाना, कपड़े और दवाइयों का इंतजाम कर रही हैं। पढ़ें एक बेटी के अपने पिता के प्रति समर्पण की कहानी!