दिल्ली में रहने वाली हिरण्यमयी शिवानी और उनकी बहू मंजरी सिंह ने लॉकडाउन के दौरान अपने क्लाउड किचन की शुरुआत की। 'द छौंक' के बिहारी व्यंजनों का स्वाद आज पूरे शहर में मशहूर है और यह बिज़नेस हर महीने लगभग 4 लाख रुपये कमा रहा है।
उत्तर प्रदेश के अयोध्या के एक छोटे से गांव में रहनेवाले कुलदीप शर्मा ने लॉकडाउन में केले की खेती (Banana Farming) शुरू की। अब कुलदीप इससे सालाना चार से पांच लाख रुपये कमाते हैं।
27 वर्षीया महिमा भालोटिया ने बुजुर्गों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए ‘द सोशल पाठशाला’ की शुरूआत की है, जिसके जरिए वह 50 से ज्यादा उम्र के लोगों को स्मार्ट फोन चलाना, इंटरनेट इस्तेमाल करना, मोबाइल एप्लीकेशन इस्तेमाल करना और नेटबैंकिंग जैसी चीजें सिखा रही हैं।
लुधियाना में रहने वाली रूह चौधरी, पिछले कई सालों से इको-फ्रेंडली तरीकों से अपना जीवन जी रही हैं और साथ ही, वह हर दिन लगभग 75 बेसहारा जानवरों को खाना खिलाती हैं।
बिहार के पश्चिमी चंपारण में रहने वाले, नीतिल भारद्वाज नौकरी छोड़कर, मोती पालन और मछली पालन कर रहे हैं। उन्होंने 'भारद्वाज पर्ल फार्म एंड ट्रेनिंग सेंटर' के नाम से अपना ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू किया है, जहाँ लॉकडाउन में बेरोज़गार हुए लोगों को मुफ्त ट्रेनिंग दी गयी।
मुंबई के रहने वाले पंकज नेरुरकर ने, लॉकडाउन में अपना रेस्तरां बंद होने की वजह से आजीविका के लिए, अपनी नैनो कार में ‘नैनो फूड स्टॉल’ शुरू किया। जिसमें वह सीफूड बेचते हैं और हर रोज लगभग 150 ग्राहकों को खाना खिला कर, एक लाख रुपये/माह कमा रहे हैं।
कोरोनो महामारी के कारण आज वर्क फ्रॉम होम एक न्यू नॉर्मल बन गया है। कई लोगों को घर से काम करने में काफी आनंद आ रहा है तो कई लोगों को यह ऊबाऊ लग रहा है। ऐसे में, महाराष्ट्र के तीन दोस्तों ने Work From Cycle का ट्रेंड शुरू कर, कुछ अलग करने का प्रयास किया है।
मंजू हरि केरल के पठानमथिट्टा की रहने वाली हैं। लॉकडाउन के दौरान उनके पति की नौकरी चली गई। इसके बाद, मंजू को अपने छोटे से बगीचे से एक नई उम्मीद मिली। जहाँ वह Moss Rose की खेती करती हैं। आज उनके पौधों की माँग पूरे देश में है।
लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का दर्द देख, मध्य प्रदेश के गोविंदपुरा गाँव में, पाँच साथियों ने “धरती के लाल” नाम से एक कंपनी को शुरू किया। इसके तहत, वे मसालों का बिजनेस करते हैं और उनका इरादा गाँव के सभी 300 घरों को रोजगार देना है।
त्रिपुरा के अल्गापुर गाँव के रहने वाले रोहित ने अपनी कंपनी आरबी इल्युमिनेशन को देशव्यापी लॉकडाउन से ठीक पहले शुरू किया था। आज वह प्रतिदिन करीब 500 बल्ब बेचते हैं। जिससे उन्हें 2.5 लाख रुपए की कमाई होती है।