पत्थर, लकड़ी और मिट्टी से बना यह पारंपरिक हिमाचली होमस्टे कुंदन सिंह का है। वैसे तो यह उनके पूर्वजों का घर है, लेकिन आज अपनी मेहनत और मेहमान नवाज़ी से कुंदन, उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चे, यानी पूरा परिवार इसे बखूबी चला रहे हैं। वे यहाँ देश-विदेश से आने वाले टूरिस्ट्स का स्वागत करते हैं और उन्हें अपने परिवार का ही हिस्सा बना लेते हैं।
केरल के शंकरन मूसाद वज़क्कड़ पंचायत में रहते हैं। वे 56 साल के हैं। शंकरन मूसाद एक रिटायर्ड क्लर्क हैं। वह भारत सरकार द्वारा एकल उपयोग में आने वाली प्लास्टिक के वस्तुओं को खत्म करने को लेकर चलाए जा रहे अभियान में अपना योगदान दे रहे हैं।