मुगलों और उनकी लाइफस्टाइल ने हमारे खान-पान पर गहरा असर छोड़ा। ऐसा माना जाता है कि 18वीं शताब्दी में मुगल खानसामों ने पाचन में सुधार के लिए दही, जड़ी-बूटियों और मसालों का इस्तेमाल करके मुगल रसोई में दही वड़े को तैयार किया था। लेकिन कहानियां और भी हैं.. आइए जानते हैं इस चटपटे व्यंजन का खट्टा-मीठा इतिहास।
ऐसा माना जाता है कि चटनी शब्द संस्कृत के 'चाटनी' से निकला है, जिसका अर्थ है 'चाटना', कई रूपों में पाई जाने वाली, ज़ायकों से भरी चटनी भारतीय पाककला के खजाने का अभिन्न अंग है। आइए, पढ़ते हैं कहानी चटनी की।