साल 2023 में पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले एक कलाकर हैं, भानुभाई चितारा। 80 साल के भानुभाई और उनका पूरा परिवार 400 साल पुरानी 'माता नी पचेड़ी' कला को आज भी जीवित रखने के लिए जाने जाते हैं।
विविधताओं का देश भारत, जहां हर क्षेत्र की अपनी भाषा और कला है। लेकिन समय के साथ देश की पारम्परिक कलाएं खो रही हैं। कुछ के तो नाम भी आपने नहीं सुने होंगे।