गोरखपुर की संगीता पांडेय, जिन्हें कभी लोगों ने हर वह बात कही, जिससे उनका हौसला टूट जाए, लेकिन फिर भी वह हालातों और समाज दोनों से लड़ीं, तमाम मुश्किलों के बावजूद अड़ी रहीं और मिठाई के डिब्बे बनाकर करोड़ों का बिज़नेस खड़ा कर दिया।
कोयम्बटूर (तमिलनाडु) की 23 वर्षीया राधिका जेए को हड्डियों की एक दुर्लभ बीमारी है, जिस वजह से वह ज़्यादा बाहर आ-जा नहीं सकतीं। लेकिन अपने हुनर के दम पर अब वह घर बैठे, महीने के 8-10 हज़ार रुपये कमा लेती हैं।
अमरिका से भारत लौटकर पार्थिव ठक्कर को जब कोई काम नहीं मिला, तो उन्होंने बर्गर बेचना शुरू कर दिया। आज उनका फूड स्टॉल ‘फकीरा के बर्गर’, आईआईएम अहमदाबाद की एक पहचान बन चुका है।