ऐसा माना जाता है कि अकबर के दरबार में अबुल फज़ल प्रतिदिन 30 मन खिचड़ी पकाता था और उसके घर से गुज़रने वाला कोई भी व्यक्ति 24 घंटे खिचड़ी का स्वाद ले सकता था। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कितना विशाल और पुराना है हमारे देश में खिचड़ी का इतिहास!
रानी गाइदिन्ल्यू, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में ब्रिटिश सरकार और उनकी नीतियों के विरुद्ध अभियान चलाया था और अपनी क्रांति के लिए 14 साल तक कारावास में भी रहीं।
आजादी से पहले, चार बंगाली युवकों द्वारा साइकिल पर तय किया गया सफर, यात्रा के प्रति रोमांच, धैर्य और प्रेम को दर्शाता है। 90 सालों से सहेजकर रखी गयी इस डायरी में आसनसोल से लाहौर होते हुए इस यात्रा का पूरा विवरण है।
अमूल बटर के अस्तित्व में आने से पहले देशभर में सिर्फ 'पोलसन बटर' का बोलबाला था, जिसे बॉम्बे में पोलसन कॉफी कंपनी के मालिक, पेस्तोनजी इडुलजी दलाल ने शुरू किया था।
वह उन चंद लोगों में से एक थे जिन्होंने प्रिंटिंग के काम का व्यवसायीकरण किया और सस्ती कीमतों पर किताबें प्रिंट करवायी, जिससे ज्ञान, साहित्य और विज्ञान जैसे कठिन विषयों की पहुंच आम लोगों तक हुई!
हाथ काटने के बाद भी 80 वर्षीय वीर कुंवर का संग्राम नहीं रुका। उन्हें आराम करने की हिदायत मिली लेकिन फिर भी उन्होंने अंग्रेजों से अपनी मातृभूमि के लिए युद्ध किया!