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एक चम्मच इतिहास 'खिचड़ी' का!

ऐसा माना जाता है कि अकबर के दरबार में अबुल फज़ल प्रतिदिन 30 मन खिचड़ी पकाता था और उसके घर से गुज़रने वाला कोई भी व्यक्ति 24 घंटे खिचड़ी का स्वाद ले सकता था। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि कितना विशाल और पुराना है हमारे देश में खिचड़ी का इतिहास!

महाराजा रणजीत सिंह: ‘शेर-ए-पंजाब’ से कभी टकराने की हिम्मत न कर सके अंग्रेज, जानिए क्यों

महाराजा रणजीत सिंह को एक महायोद्धा के रूप में जाना जाता है। लेकिन, एक बार उन्हें अपने प्यार की खातिर, कोड़े भी खाने पड़े थे। पढ़ें पूरी कहानी।

रानी गाइदिन्ल्यू: 17 साल की उम्र में हुई थी जेल, आज़ादी के बाद ही मिली रिहाई

By निशा डागर

रानी गाइदिन्ल्यू, एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थीं, जिन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में ब्रिटिश सरकार और उनकी नीतियों के विरुद्ध अभियान चलाया था और अपनी क्रांति के लिए 14 साल तक कारावास में भी रहीं।

जानिए कैसे एक 90 साल पुरानी डायरी से खुला, कोलकाता से कश्मीर तक की साइकिल यात्रा का राज़

By निशा डागर

आजादी से पहले, चार बंगाली युवकों द्वारा साइकिल पर तय किया गया सफर, यात्रा के प्रति रोमांच, धैर्य और प्रेम को दर्शाता है। 90 सालों से सहेजकर रखी गयी इस डायरी में आसनसोल से लाहौर होते हुए इस यात्रा का पूरा विवरण है।

'अमूल बटर' से पहले था 'पोलसन' का बोलबाला, जानिए इस मक्खन की कामयाबी के पीछे छिपे राज़

By निशा डागर

अमूल बटर के अस्तित्व में आने से पहले देशभर में सिर्फ 'पोलसन बटर' का बोलबाला था, जिसे बॉम्बे में पोलसन कॉफी कंपनी के मालिक, पेस्तोनजी इडुलजी दलाल ने शुरू किया था।

ग़ालिब को आपके बुक शेल्फ तक पहुंचाने वाले मुंशी नवल किशोर की कहानी!

वह उन चंद लोगों में से एक थे जिन्होंने प्रिंटिंग के काम का व्यवसायीकरण किया और सस्ती कीमतों पर किताबें प्रिंट करवायी, जिससे ज्ञान, साहित्य और विज्ञान जैसे कठिन विषयों की पहुंच आम लोगों तक हुई!

अंग्रेजों को मात देने के लिए इस सेनानी ने काट दिया था अपना ही हाथ!

By निशा डागर

हाथ काटने के बाद भी 80 वर्षीय वीर कुंवर का संग्राम नहीं रुका। उन्हें आराम करने की हिदायत मिली लेकिन फिर भी उन्होंने अंग्रेजों से अपनी मातृभूमि के लिए युद्ध किया!

जानिए कैसे एक 'कुक' बना भारत की पहली फीचर फिल्म की नायिका!

By निशा डागर

शुरूआती फिल्मों में महिला किरदार निभाने के अलावा, एक और उपलब्धि है, जो अन्ना सालुंके के नाम जाती है और वह है हिंदी सिनेमा का पहला 'डबल रोल।'

बेस्ट ऑफ़ 2019: इतिहास की वो अनसुनी कहानियाँ, जिन्होंने जीता हमारे पाठकों का दिल!

By द बेटर इंडिया

इस साल को अलविदा कहते हुए एक बार फिर उन अच्छी यादों को सहेज लें जो भविष्य में भी हमारी प्रेरणा रहेंगी!