निर्मल वर्मा ने अपने जीवन में ‘वे दिन’, ‘लाल टीन की छत’ जैसी कई रचनाओं को अंजाम दिया। लेखनी में उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।
* 'धूप में घोड़े पर बहस' यह केदारनाथ सिंह की एक प्रसिद्ध कविता है. आज शनिवार की चाय में यह कविता आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं राष्ट्रीय पुरुस्कार विजेता फिल्मकार / अभिनेता रजत कपूर :
नारी-विमर्श में पुरस्कार प्राप्त कवि अपनी पत्नियों को नौकरानी बना कर अपना काम बजा लेने वाली ही समझते हैं. 'उच्छृंखल नदी हूँ मैं' लिखने वाली कवियित्रियाँ एक साँस घुटते रिश्ते में जी रही होती हैं..
आज की शनिवार की चाय का मकसद आपके साथ इब्ने इंशा के लिए उमड़े प्यार को साझा करना है. 'मीठी बातें - सुन्दर लोगों' में अपने आपको गिन लेने वाले इंशा जी को पढ़ना-सुनना आपके मन में सुनहला, सुगन्धित, नशीला धुआँ भर देता है.
कविता लिखने की स्किल सीख सीख कर किताबें छपवाई जा रही हैं, वैसे भी आजकल कोई सम्पादन का मुआमला तो है नहीं, अपने पैसे दे कर जैसी चाहे छपवा लो, फिर सोशल मीडिया पर अपने आपको प्रमोट कर लो.