परिवार के किसी सदस्य के अंतिम संस्कार के लिए, बिना किसी परेशानी और ज़्यादा समय लगाए सारी व्यवस्था करने में लोगों की मदद कर रहा है दिल्ली का स्टार्टअप 'लास्ट जर्नी'।
कोविड-19 के मरीजों की मदद के लिए रोज़ी सलधाना अपने गहने तक बेच चुकी हैं और अब उन्हें हम सबके साथ की जरूरत है। उनकी इस मुहिम में छोटी-बड़ी जैसी भी हो, लेकिन मदद जरूर करें।
लखनऊ, उत्तर प्रदेश के रहने वाले 29 वर्षीय मिलिंद राज को पूर्व राष्ट्रपति डॉ. कलाम ने 'ड्रोन मैन ऑफ़ इंडिया' का नाम दिया था। उन्होंने अब तक कई ड्रोन और रोबॉट बनाये हैं।
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में सिरकोट गाँव के रहने वाले 55 वर्षीय जगदीश चंद्र कुनियाल ने पिछले 30 सालों में लगभग 15000 पेड़-पौधे लगाकर, गाँव के पुराने झरने को एक बार फिर से जीवित कर दिया है।
"मैंने देखा कि लोग अपने परिवार के बाकी सदस्यों के लिए रो रहे हैं और बोरबेल से पानी पीकर अपनी प्यास बुझा रहे हैं। मुझे काफी दुख हुआ और मैंने उन लोगों की मदद करने का फैसला किया।"