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Grow Mango: गमले में किसी भी मौसम में उगा सकते हैं आम, जानिए कैसे!

आम को फलों का राजा माना जाता है। वैसे तो, यह जमीन पर उगने वाला फल है, लेकिन हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप इसे गमले में कैसे उगा सकते हैं।

पति की गई नौकरी तो बागवानी को बनाया रोज़गार, छोटे से बगीचे से कमाए एक लाख रूपये

मंजू हरि केरल के पठानमथिट्टा की रहने वाली हैं। लॉकडाउन के दौरान उनके पति की नौकरी चली गई। इसके बाद, मंजू को अपने छोटे से बगीचे से एक नई उम्मीद मिली। जहाँ वह Moss Rose की खेती करती हैं। आज उनके पौधों की माँग पूरे देश में है।

0.25 एकड़ पर करते हैं खेती, मछली और मधुमक्खी पालन भी, 5 साल से नहीं गए बाज़ार

केरल के कोक्कवड गाँव के रहने वाले जोशी मैथ्यूज के पास 0.25 एकड़ जमीन है, जहाँ उन्होंने जैविक खेती और मछली पालन से लेकर मधुमक्खी पालन की सुविधा भी विकसित कर ली है।

उत्तर प्रदेश: टीचर की नौकरी छोड़ बने किसान, कैक्टस- नींबू की बागवानी कर कमा रहे 5 लाख रुपए

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिला के बवाइन गाँव के रहने वाले रविंद्र प्रताप सिंह ने 2006 में शिक्षक की नौकरी शुरू की थी लेकिन 2017 में उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी और बागवानी की शुरुआत कर दी।

आम से लेकर इलायची तक, घर में 300 से अधिक पौधों की बागवानी करता है दिल्ली का यह युवा

नई दिल्ली में रहने वाले अमित चौधरी करीब 3 साल पहले फैशन डिजाइनिंग में ग्रेजुएशन करने के बाद किसी वजह से डिप्रेशन में चले गए थे। इस वजह से वह तय नहीं कर पा रहे थे कि उन्हें जिंदगी में करना क्या है। इसके बाद उन्होंने बागवानी शुरू करने का फैसला किया, जो बचपन से ही उनका शौक था।

बारिश में कीड़ों से करें पेड़-पौधों की सुरक्षा, इन देसी तरीकों से बनाएं जैविक स्प्रे

By निशा डागर

बरसात का मौसम पेड़-पौधे लगाने के लिए सबसे अच्छा होता है लेकिन अपने साथ यह काफी परेशानियां भी लेकर आता है। एक्सपर्ट से जानिए इनसे अपने पौधों को बचाने के उपाय।

छत पर लगाए 800 से ज्यादा पेड़-पौधे, अनाथ-आश्रम में दान करतीं हैं अपनी उगाई सब्ज़ियाँ

By निशा डागर

28 वर्षीया ज्योति ने 8 महीनों में लगभग 45 किलोग्राम सब्ज़ियाँ अनाथ-आश्रमों को पहुंचाई हैं। लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने बहुत से ज़रूरतमंदों को अपनी उगाई हुई सब्जियाँ बांटी!

अपनी छत पर कपड़े के बैग में उगातीं हैं तरबूज, पढ़िए मेरठ की डेंटिस्ट का यह कमाल का आइडिया!

By पूजा दास

डॉ. शिवानी कालरा आज अपने घर की छत पर थैलियों में तरबूज़ और अन्य सब्जियाँ उगा रही हैं, लेकिन कालरा कहती हैं कि यहाँ तक पहुँचना आसान नहीं था। पहले उन्होंने टमाटर उगाने की कोशिश की लेकिन असफल रहीं। बाद में आलू बोए लेकिन वहाँ भी सफलता हाथ नहीं लगी।

बार-बार असफल होने के बावजूद किए प्रयास, आज कम जगह में भी उगा रही हैं अच्छी सब्ज़ियाँ!

By निशा डागर

एक बार लोकल ट्रेन से सफर करते वक़्त डॉ. विनी ने कुछ लोगों को रेलवे लाइन से पालक तोड़ते हुए देखा और बाद में, उन्हें पता चला कि यही पालक बाज़ार में आता है। इसके बाद उन्होंने खुद अपनी सब्ज़ियाँ उगाने की ठान ली!