झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानियां भले ही इसलिए मशहूर हैं, क्योंकि वह अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ी थीं, लेकिन इस वीरांगना ने उससे पहले भी कई ऐसी लड़ाईयां लड़ी थीं, जिनका ज़िक्र उनकी शौर्य गाथाओं में शामिल नहीं है।
आचार्य विनोबा भावे का जन्म 11 सितंबर 1895 महाराष्ट्र के गागोडे में हुआ था। वह एक महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके जीवन पर महात्मा गांधी के विचारों का गहरा प्रभाव था। पढ़िए उनकी प्रेरक कहानी।
‘कैम्ब्रिज मजलिस’ ने भारतीय उपमहाद्वीप के छात्रों को वाद-विवाद, विमर्श और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए एक मंच प्रदान किया। पढ़ें, इस सोसायटी ने कैसे खोली थी भारत के आजादी की राह।
चितरंजन दास ने एक वकील, राजनीतिज्ञ और पत्रकार के तौर पर भारत को अंग्रेजी हुकूमत से मुक्त कराने में जो भूमिका निभाई, उसकी कोई बराबरी नहीं कर सकता है। यही कारण है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
भारत के इतिहास में महिलाओं का अहम योगदान है। लेकिन जब हम भारतीय इतिहास का अध्ययन करते हैं तब मालूम होता है कि पूर्वोत्तर भारत की महिलाओं का जिक्र इसमें बहुत कम है। आइए जानते हैं पूर्वोत्तर भारत की इन पांच महिलाओं के बारे में।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जिक्र के बिना अधूरा है और खासकर वे महिलाएं, जिन्होंने न सिर्फ देश की आजादी, बल्कि महिलाओं के हक़ के लिए भी आवाज बुलंद की।