शाजापुर, मध्य प्रदेश के किसान देवेंद्र परमार ने अपनी सूझ-बूझ से कमाल का सिस्टम तैयार किया है। कचरे में जानेवाले गोबर से वह CNG गैस बनाते हैं। अब उन्हें पेट्रोल और बिजली के लिए बिल्कुल पैसे खर्च नहीं करने पड़ते।
नागालैंड का शिन्न्यु गांव (Nagaland Village) भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित है। 44 साल पहले बसे इस गांव में बिजली की कोई सुविधा न थी। लेकिन, एक सरकारी शिक्षक के सोशल मीडिया पोस्ट ने उन्हें एक नई उम्मीद दी है। पढ़िए यह प्रेरक कहानी!