बेंगलुरु के मयंक नागौरी अपने भाई भुवन के साथ मिलकर, गुड-गम नाम का स्टार्टअप चला रहे हैं। इसके ज़रिए वे प्लास्टिक फ्री हेल्दी च्युइंग गम बनाकर पर्यावरण और सेहत दोनों को बचा रहे हैं।
हैंडमेड पेपर के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने गोबर से बने पेपर के बारे में सुना है? तो चलिए आपको बताते हैं, कैसे जयपुर के भीम राज शर्मा और उनकी बेटी जागृति, आज गोबर और कॉटन वेस्ट का उपयोग करके कई प्रोडक्ट्स बना रहे हैं।
मुंबई के रहने वाले मिशाल पारदीवाला (34) और मिकाइल पारदीवाला (31), अपने ब्रांड ‘TreeWear’ के जरिए, लोगों के लिए इको-फ्रेंडली उत्पाद जैसे- टी-शर्ट, हैंड सैनिटाइजर, डियोड्रेंट, लिप बाम आदि बना रहे हैं। इसके साथ ही, यहाँ से की गयी हरेक खरीद का कुछ प्रतिशत 'पौधरोपण अभियान' के लिए जाता है।