पेशे से इंजीनियर, हरियाणा के रहनेवाले 28 वर्षीय नीरज शर्मा पिछले दो सालों से ‘मिट्टी, आप और मैं' नाम से अपना बिज़नेस कर रहे हैं। इसके ज़रिए वह अपने गांव के कुम्हारों को रोज़गार देने के साथ-साथ, आम लोगों तक केमिकल फ्री मिट्टी के बर्तन पहुंचा रहे हैं।
वैसे तो नॉन-स्टिक बर्तनों पर 'पीएफए' फ्री होने का लेबल लगाया जाता है। पर चिंताजनक यह है कि भारत में इसे लेकर अभी तक भी कोई रेगुलेशन नहीं है और इसलिए हम सिर्फ लेबल को देखकर निश्चिन्त नहीं हो सकते!