बीरेंद्र कृष्णा भद्रा एक प्रमुख बंगाली नाटककार थे। उनके द्वारा जाप किए गए 'चंडीपाठ' ने, न जाने कितनी पीढ़ियों को महालया के दिन, सुबह-सुबह 4 बजे बिना किसी झुंझलाहट के जगाया है।
कोरोना महामारी के दौरान प्रवासी मज़दूरों ने विषम परिस्थितियों में भी जिस तरह हिम्मत दिखाई, उसे सलाम करते हुए कोलकाता के बारिशा क्लब दुर्गा पूजा समिति ने इस बार माँ दुर्गा की मूर्ती को एक प्रवासी मज़दूर माँ का रूप दिया है।