मिलिए लखनऊ की चारु खरे से, जो पेशे से एक जर्नलिस्ट हैं और साल 2020 से शहर की सड़कों पर घूमनेवाले बेज़ुबानों की सेवा करने का काम कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने ‘आसरा’ नाम की एक संस्था भी बनाई है। पढ़ें कैसे मिली उन्हें इस मुश्किल काम को करने की प्रेरणा।