द बेटर इंडिया की एक स्टाफ मेम्बर संचारी पाल, अपने पिता के इलाज के लिए Remdesivir की खोज में थीं। इस दौरान, इंटरनेट पर किसी शख्स ने उन्हें नकली दवा देकर, उनसे 12 हजार रूपये ठग लिए। वर्तमान में, पश्चिम बंगाल में रह रहीं, संचारी उस घटना के बारे में विस्तार से बता रही हैं।
डॉ. दिव्या सिंह कहती हैं, "संकट के समय अगर मैं अपने देश की मदद नहीं कर सकती हूं तो मेरे डॉक्टर होने का क्या मतलब है।" डॉ दिव्या लोगों की सेवा में दिन-रात लगी हुई हैं। वह पूरा दिन पीपीई किट पहनती हैं इसके लिए उन्होंने अपने बाल तक कटवा लिए हैं।
चारों तरफ फैली इस महामारी में स्वास्थ्य संस्थानों या अस्पतालों के बोझ को कम करने और डॉक्टरों एवं नर्सों की सेहत को सुरक्षा प्रदान करने के लिए मरीजों की नॉन-कॉन्टैक्ट स्क्रीनिंग होनी चाहिए। हम जिस डिवाइस के बारे में बात करने जा रहे हैं यह ठीक ऐसे ही काम करती है। #COVID19 #Lockdown
“मैं इस महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले लोगों के प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहूंगा। वे परिवार से दूर अपने कर्तव्य के प्रति अटूट भावना के साथ काम कर रहें हैं।”
"इस क्षेत्र में काम करने का सबसे चुनौतीपूर्ण पहलू था उनको विश्वास दिलाना कि मैं सच में एक डॉक्टर हूँ और दूसरा ब्रेन हमरेज के रोगियों का इलाज करना वो भी जगह व बिजली जैसी मूल सुविधा के बिना।"