गुरुग्राम से बिहार तक: आठ दिन तक साइकिल चलाकर, 15 साल की बेटी मजबूर पिता को ले आई घर!बिहारBy मानबी कटोच21 May 2020 19:24 IST"सबको देखके हिम्मत आ गयी... गरीब हैं...पैसा नहीं था .....क्या करते बताईये?"Read More
आमदनी बहुत नहीं, पर लावारिस बेज़ुबानों को 20 वर्षों से खाना खिलाते हैं सुजीतअनमोल इंडियंसBy कुमार हिमांशु30 Apr 2020 14:00 ISTबेजुबानों की भावना हम नहीं समझेंगे तो फिर कौन सुनेगा। हमने उन्हें प्रकृति के विपरित मनुष्य पर निर्भर बना दिया है। आवारा जैसा नाम दे दिए हैं, जो कि बहुत ही गलत भाव है।Read More