शाजापुर, मध्य प्रदेश के किसान देवेंद्र परमार ने अपनी सूझ-बूझ से कमाल का सिस्टम तैयार किया है। कचरे में जानेवाले गोबर से वह CNG गैस बनाते हैं। अब उन्हें पेट्रोल और बिजली के लिए बिल्कुल पैसे खर्च नहीं करने पड़ते।
गुजरात के गोधरा से 40 किमी दूर देवगढ़ बारिया गांव के राहुल धरिया यूं तो पेशे से एक डॉक्टर हैं, लेकिन गौ सेवा में अपनी विशेष रुचि के कारण वह पिछले पांच सालों से देसी गाय के गोबर पर रिसर्च कर रहे हैं और खुद ही गाय के गोबर से घड़ी, मोबाइल स्टैंड, मूर्तियां सहित कई चीजें बना रहे हैं।
सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग मंत्रालय की पहल से देशभर में बन रहा है गोबर से पेंट, जिससे किसानों को मिला आय का नया ज़रिया तो आम लोगों को मिला पेंट का ईको-फ्रेंडली विकल्प। बरगढ़, ओडिशा में प्राकृतिक पेंट बनाने वाली दुर्गा प्रियदर्शनी से जानिए क्या हैं इसके फायदे।
तीन साल पहले गोबर से लकड़ी बनाने की मशीन से मिली सफलता के बाद, पटियाला के 31 वर्षीय कार्तिक पाल ने अब गोबर सुखाने की मशीन (cow dung dryer machine) बनाई है। पढ़ें कैसे इस मशीन से किसान और डेयरी बिज़नेस वाले कमा सकते हैं मुनाफा।
दिल्ली के अनीश और अल्का शर्मा ने अपनी दोस्त पूजा पूरी के साथ मिलकर, पिछले डेढ़ साल से बागपत जिला की महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के काम में लगे हैं। वे अपने NGO PKU CARE FOUNDATION के तहत इन महिलाओं और उनके बच्चों को शिक्षा और वोकेशनल ट्रेनिंग से से भी जोड़ रहे हैं।
हैंडमेड पेपर के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा, लेकिन क्या कभी आपने गोबर से बने पेपर के बारे में सुना है? तो चलिए आपको बताते हैं, कैसे जयपुर के भीम राज शर्मा और उनकी बेटी जागृति, आज गोबर और कॉटन वेस्ट का उपयोग करके कई प्रोडक्ट्स बना रहे हैं।