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पकौड़े वाले ने बनाई ऐसी मशीन, 10 मिनट में बन जाती हैं एक किलो भजिया

By निशा डागर

छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव के गुठला में अपना मुंगोड़ी सेंटर चलाने वाले बसंत कुमार ने एक मुंगोड़ी/भजिया मेकिंग मशीन बनाई है।

'ठेंगापाली': जानिए कैसे इस एक हथियार से 600 एकड़ जंगलों को बचाया है इस एक शख्स ने

By निशा डागर

आठवीं की पढ़ाई के बाद दामोदर गाँव से बाहर पढ़ने के लिए गए। अपनी पढ़ाई पूरी कर जब वह गाँव लौटे तो उन्होंने देखा कि जहाँ हरे-भरे पेड़ हुआ करते थे, अब वहां सिर्फ ठूंठ हैं। बस उसी दिन से उन्होंने जंगल की रक्षा को ही अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया!

छत्तीसगढ़: 'जल स्टार' वीरेंद्र सिंह के अभियानों से एक नदी, 2 कुंड और 35 तालाब हुए स्वच्छ!

By निशा डागर

जल-अभियानों के साथ-साथ वीरेंद्र छुट्टी वाले दिन गाँव के बच्चों और महिलाओं के साथ मिलकर वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियान चलाते हैं!

100 से लेकर डेढ़ लाख तक: जानिए कैसे धरती को बचाने में जुटे हैं ये पर्यावरण प्रहरी!

By निशा डागर

कोई गाँव-गाँव जाकर लगा रहा है पौधे तो एक पुलिसवाला 40 साल से कर रहा है पेड़ों की देखभाल!

छत्तीसगढ़ के आईएएस की पहल, 3 लाख श्रमिकों तक पहुंचाई मदद

By द बेटर इंडिया

इस महामारी में सोनमणि बोरा की प्रशासनिक कुशलता और मानवीय चेहरा एक बड़ा उदाहरण है, न केवल युवा अधिकारियों के लिए बल्कि हम सभी के लिए।

रायपुर में जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचाने का काम करती है संस्था

अब तक संस्था ने 5450 फ़ूड पैकेट्स जरूरतमंद तक पहुंचाने का कार्य किया है। इसके साथ ही 400 परिवार तक सूखा राशन भी पहुंचा चुकी है।

दूसरे राज्य से आए श्रमिकों को अतिथि कहते हैं ये कलेक्टर, साथ बैठकर करते हैं भोजन

कोरोना वायरस संक्रमण रोकथाम एवं बचाव हेतु अन्य राज्यों से रूके श्रमिकों के लिए सूरजपुर ज़िले में कुल 31 स्थलों पर सुविधायुक्त व्यवस्था की गई है।

फंसे श्रमिकों को चंद घंटों में मिली राशन और चेकअप की सुविधा, प्रशासन का सराहनीय कदम

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में श्रमिक दूसरे जिले से परिवार के साथ काम करने आए थे। इनका राशन खत्म हो गया था और छोटे-छोटे बच्चे बीमार थे। इस बीच इनको समझ नहीं आ रहा था कि कहाँ जाए और क्या करें?

निर्भया केस ने झकझोड़ा! तब से लेकर अब तक दे चुकीं है 2 लाख को मुफ्त सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग

By निशा डागर

साल 2012 तक हर्षा साहू की ज़िंदगी सामान्य चल रही थी, लेकिन निर्भया घटना के बाद उन्होंने ठाना कि उन्होंने जो सीखा, वह उसे आगे बढ़ाएंगी!

15 की उम्र में हुई थी शादी पर खुद बनाई अपनी पहचान, डेढ़ लाख महिलाओं को दिलाया रोज़गार!

By निशा डागर

उनके समूह की महिलाओं ने IIT मुंबई से प्रशिक्षण लेकर खुद 18 हज़ार सोलर लैंप बनाए हैं।