समाज में माहवारी को लेकर हमेशा ही एक दकियानूसी सोच रही है, लेकिन उत्तर प्रदेश के रहने वाले महेश खंडेलवाल ने देश के गरीब महिलाओं के लिए न सिर्फ सस्ता और पर्यावरण के अनुकूल सेनिटरी नैपकिन बनाने का जिम्मा उठाया, बल्कि आर्थिक सबलता प्रदान करने के लिए उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम भी बना रहे हैं।
फ़िलहाल, भारत में 30 से भी ज्यादा आनंदी पैड्स मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स हैं जो 12 अलग-अलग राज्यों में फैली हैं। इन सभी यूनिट्स को महिलाओं द्वारा ही चलाया जा रहा है!