बरगढ़ (ओडिशा) के एक छोटे से गांव काटापाली के सुदाम साहू, साल 2001 से देसी बीज जमा करने का काम कर रहे हैं। आज उनके पास तक़रीबन एक हजार धान और 60 से ज्यादा दालों और सब्जियों के देसी बीज मौजूद हैं।
लंदन से मास्टर डिग्री लेने वाली मुदिता आसपास डायबिटीज के मरीज़ों को देखकर परेशान थीं। इसलिए उन्होंने सोचा कि वह काले चावल को पूर्वोत्तर से बाहर दूसरे राज्यों के बाजारों में उपलब्ध करा सकतीं हैं।