मुंबई में कॉपोरेट नौकरी करनेवाले चेतन सूरेंजी, पर्यावरण और गार्डनिंग के अच्छे जानकर भी हैं। फ़िलहाल वह पैशन फ्रूट के ज़रिए किसानों को मधुमक्खी पालन करना सिखा रहे हैं। पढ़ें, कैसे की थी उन्होंने घर पर इसकी शुरुआत।
जसवंत सिंह तिवाना पंजाब के लुधियाना के रहनेवाले हैं। चार दशक पहले उन्होंने सिर्फ दो बॉक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया था, लेकिन आज उनकी गिनती पंचाब के सबसे सफल मधुमक्खी पालकों में होती है। जानिए क्यों?
हिमाचल में कांगड़ा के सोहरन गाँव के रहने वाले 73 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल प्रकाश चंद राणा, हल्दी, अदरक, लहसुन जैसी फसलों के साथ मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। साथ ही, वह अपनी उपज को प्रोसेस करके हल्दी पाउडर, पांच तरह के अचार और दो तरह के शहद सीधा ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं।