हरियाणा के हिसार के रहने वाले गुरसौरभ सिंह ने एक बेहद अनोखा आविष्कार किया है। उन्होंने एक ऐसी किट बनाई है जिसकी मदद से केवल 20 मिनट में किसी भी साइकिल को इलेक्ट्रिक वाहन में बदला जा सकता है।
मौजूदा कूकिंग स्टोव की स्थिति को देखते हुए IIT Guwahati के प्रोफेसर, पी मुथुकुमार की अगुवाई में एक ऐसे स्टोव को डिजाइन किया गया है, जिससे न सिर्फ 50% तक ईंधन की बचत हो सकती है, बल्कि इससे 30 फीसदी समय भी बचता है।
IIM-कलकत्ता से MBA ग्रेजुएट आशीष अग्रवाल ने, दिल्ली के प्रदूषण को कम करने और बिना ज्यादा पूंजी लगाए, लोगों को EV मुहैया कराने (E Scooter On Rent) के उदेश्य से VA-YU की शुरुआत की है।
हरियाणा के फराज माजरा गाँव के 32 वर्षीय किसान वीरेंद्र यादव ने न सिर्फ बेहतर पराली प्रबंधन के जरिए पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया, बल्कि इससे 45 लाख रुपये भी कमा डाले।
पुणे स्थित सिस्टेमा बायो कंपनी ने बायोगैस प्लांट विकसित किया है, जिससे गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के लगभग 5,000 किसानों को एलपीजी की जरूरत नहीं पड़ रही है।
2012 में, ‘गो ग्रीन विद टेट्रा पैक’ के तहत ‘कार्टन ले आओ, क्लासरूम बनाओ’ अभियान शुरू किया गया था। इस अभियान के तहत, बेकार टेट्रा पैक को रीसायकल कर बेंच बनाया गया और ये बेंच सरकारी स्कूलों को दान दिए गए।