Powered by

Latest Stories

HomeTags List साहित्यकार

साहित्यकार

रवीन्द्र प्रभात: हिंदी में ब्लॉग लिखने का है शौक, तो इनसे ज़रूर मिले!

By निशा डागर

हिंदी के प्रसिद्द साहित्यकार और हिंदी ब्लॉगिंग को एक नयी पहचान देने वाले ब्लॉगर, रवीन्द्र प्रभात ने साहित्य की कई विधाओं पर अपनी लेखनी चलाई है। साल 2007 से उन्होंने ब्लॉगिंग के ज़रिए हिंदी साहित्य में उभरते हुए सितारों को पहचान और सम्मान दिलाने का अभियान छेड़ा हुआ है।

शहीद भगत सिंह का वह साथी, जो साहित्य का तारा बनकर भी 'अज्ञेय' रहा!

By निशा डागर

हिंदी साहित्य की दुनिया 'अज्ञेय' उपनाम से मशहूर सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यानंद का जन्म 7 मार्च 1911 को उत्तर- प्रदेश में कुशीनगर के कस्या में हुआ था। साहित्यकार होने के साथ- साथ वे एक स्वतंत्रता सेनानी भी थे, जिन्होंने शहीद भगत सिंह के साथ मिलकर आज़ादी की लड़ाई में भाग लिया था।

कृष्णा सोबती : बंटवारे के दर्द से जूझती रही जिसकी रूह!

By निशा डागर

साल 2017 में ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित मशहूर हिंदी लेखिका, निबंधकार कृष्णा सोबती का जन्म 18 फरवरी 1925 को हुआ था। उनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं- ज़िंदगीनामा, यारों के यार, मित्रो मरजानी, सिक्का बदल गया, आदि। 25 जनवरी 2019 को उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।

'नपनी' : लड़की को वस्तु समझने वालों की सोच पर ज़ोर का तमाचा है 'दूधनाथ सिंह' की यह कहानी!

By निशा डागर

दूधनाथ सिंह का जन्म 17 अक्टूबर 1936 को उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले के सोबंथा गाँव में हुआ। हिंदी साहित्य के प्रसिद्द लेखक, कवि, आलोचक और संपादक रहे दूधनाथ सिंह को साठोत्तरी कहानी आंदोलन का सूत्रपात माना जाता है। साल 2018 में 11 जनवरी को 81 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

गोपालदास 'नीरज': 'कारवाँ गुजर गया' और रह गयी बस स्मृति शेष!

By निशा डागर

गोपालदास 'नीरज' का जन्म 4 जनवरी, 1925 को उत्तरप्रदेश के इटावा के 'पुरावली' नामक ग्राम में एक साधारण कायस्थ-परिवार में हुआ था। वे हिन्दी साहित्यकार, शिक्षक, एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फ़िल्मों के गीत लेखक थे। 19 जुलाई 2018 को उन्होंने दुनिया से विदा ली .