पुणे के प्रकाश केलकर, जो एक कपड़ा व्यवसायी रह चुके है किसानो और सैनिकों अपने जीवन भर की पूँजी दान कर रहे है. उनके इस कार्य में उनकी पत्नी भी साथ दे रही है.
अब देश के पहले सिग्नल स्कूल के खुल जाने से मोहन जैसे कई किसानो के बच्चो को अपने भविष्य को सुधारने का मौका मिल रहा है, जो मुंबई की सडको पर रहने को मजबूर है