Powered by

Latest Stories

HomeTags List मधुमक्खी पालन

मधुमक्खी पालन

दोस्त से लिए दो Bee Box से 2 करोड़ तक का सफर, पढ़िए पंजाब के इस इलेक्ट्रीशियन की कहानी

जसवंत सिंह तिवाना पंजाब के लुधियाना के रहनेवाले हैं। चार दशक पहले उन्होंने सिर्फ दो बॉक्स से मधुमक्खी पालन शुरू किया था, लेकिन आज उनकी गिनती पंचाब के सबसे सफल मधुमक्खी पालकों में होती है। जानिए क्यों?

सेना से रिटायर होकर शुरू की खेती, कर्नल से बन गए 'द टर्मरिक मैन ऑफ हिमाचल'

By निशा डागर

हिमाचल में कांगड़ा के सोहरन गाँव के रहने वाले 73 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल प्रकाश चंद राणा, हल्दी, अदरक, लहसुन जैसी फसलों के साथ मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। साथ ही, वह अपनी उपज को प्रोसेस करके हल्दी पाउडर, पांच तरह के अचार और दो तरह के शहद सीधा ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं।

बेटे की सोच ने बनाया खेती को ब्रांड, 10 लाख से ज्यादा हुआ टर्नओवर

By निशा डागर

उत्तराखंड के कौसानी में रहने वाले कार्तिक भट्ट और उनके पिता, भुवन मोहन भट्ट, जैविक तरीकों से खेती कर, अपनी उपज 'पहाड़वाला' नाम से, देश के अलग-अलग कोनों में ग्राहकों तक पहुँचा रहे हैं।

राख, रेत और खाद के मिश्रण में लगाते हैं सब्जियों की नर्सरी, इटली तक जाते हैं पौधे

By निशा डागर

हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में दादलू गाँव के रहने वाले हरबीर सिंह एक प्रगतिशील किसान हैं और अपने खेतों में एक हाई-टेक नर्सरी चला रहे हैं। अपनी नर्सरी में वह सब्जियों की पौध तैयार करते हैं, जो आज इटली तक भी पहुँच रहे हैं।

मधुमक्खी पालन और 10 तरह के शहद बनाकर, 50 लाख रूपये कमाता है हरियाणा का फोगाट परिवार

By निशा डागर

झज्जर, हरियाणा में रहने वाले जगपाल सिंह फोगाट और उनकी पत्नी, मुकेश देवी मधुमक्खी पालन और शहद की प्रोसेसिंग कर 'नेचर फ्रेश' के नाम से ग्राहकों तक पहुँचाते हैं।

करण सीकरी : अपनी मेहनत और लगन के दम पर खड़ा किया देश में पहला जैविक खाद का प्लांट!

By निशा डागर

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में शाहबाद मारकंडा जिले के डगाली गाँव से ताल्लुक रखने वाले करण सीकरी, एक प्रगतिशील किसान और उद्यमी हैं। उन्होंने साल 2004 में सीकरी फार्म्स की शुरुआत की और आज उनका बनाया जैविक खाद हरियाणा के आलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर तक जाता है।

महाराष्ट्र की प्राजक्ता ने मल्टीनेशनल कंपनी की नौकरी छोड़ शुरू किया मधुमक्खी पालन, 7 लाख है सालाना कमाई!

By निशा डागर

महाराष्ट्र के एक नक्सली क्षेत्र गडचिरोली से आने वाली प्राजक्ता पुणे में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी की नौकरी छोड़ आज मधुमक्खी पालन कर शहद उत्पादन कर रहीं हैं। वे गडचिरोली को एक नयी पहचान दे रहीं हैं। उनके द्वारा बनाया गया शहद 'कस्तूरी शहद' नामक ब्रांड से बेचा जाता है।