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भारतीय सेना

आँखों में आँसू लिए यह महिला कर रही है भारतीय सेना का शुक्रिया; जानिये क्यूँ !

By निशा डागर

ट्विटर पर वायरल एक विडियो में एक महिला भारतीय सेना का धन्यवाद कर रही है। दरअसल, 28 दिसंबर 2018 को सिक्किम में भारी बर्फ़बारी के चलते लगभग 2,500 टूरिस्ट नाथू ला और 17 मील क्षेत्र में फंस गये थे। इन यात्रियों को भारतीय सेना ने बचाया और उसके बाद से ही हर कोई इनका शुक्रिया अदा कर रहा है।

भारतीय सेना : मायनस 9 डिग्री में खुद रहे बाहर, बर्फ़ में फंसे हुए यात्रियों को दिया अपना बैरक!

By निशा डागर

28 दिसंबर 2018 को सिक्किम में भारी बर्फबारी के चलते लगभग 2, 500 टूरिस्ट नाथू ला और 17 मील क्षेत्र में फंस गये थे। ऐसे में भारतीय सेना के जवानों ने सभी को बचाने के लिए राहत बचाव कार्य शुरू किया। सैनिकों ने ना सिर्फ़ इन यात्रियों को बचाया बल्कि इन सभी के रहने और खाने-पीने का भी इंतजाम किया।

भारतीय सैनिकों को दुश्मन की नज़र से बचाएगा आईआईटी कानपूर का यह आविष्कार!

By निशा डागर

आईआईटी कानपूर के शोधकर्ताओं ने एक ऐसा 'मेटामैटेरियल' बनाया है जिसकी बनी वर्दी पहनने से या फिर जिसके बने कवर्स से अपनी जीप आदि ढकने से कोई भी राडार भारतीय सेना के जवानों को नहीं पकड़ पायेगा। दरअसल, यह मैटेरियल राडार किरणों को अपने में अवशोषित करने की क्षमता रखता है जिससे कोई भी दुश्मन जवानों का पता नहीं लगा पायेगा।

1971 युद्ध का वह सुरमा जिसे जिवित रहते हुए मिला था परमवीर चक्र!

By निशा डागर

मेजर होशियार सिंह दहिया का जन्म 5 मई, 1936 को सोनीपत, हरियाणा के एक गाँव सिसाना में हुआ था। साल 1957 में उन्होंने जाट रेजिमेंट में प्रवेश लिया और बाद में वे 3-ग्रेनेडियर्स में अफसर बन गए। साल 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में उनके अदम्य साहस और बहादुरी के लिए उन्हें परमवीर चक्र से नवाज़ा गया।

लांस नायक अल्बर्ट एक्का: जिन्होंने जान देकर भी पाकिस्तानी सेना को अगरतला में कदम नहीं रखने दिया!

By निशा डागर

लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था। साल 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके साहस और बलिदान के चलते ही आज अगरतला भारत का हिस्सा है और भारतीय सेना बांग्लादेश को आज़ादी दिलवा पाई।

कैप्टेन गुरबचन सिंह सलारिया: वह भारतीय जिसने विदेशी धरती पर फहराया था विजय का पताका!

By निशा डागर

कैप्टेन गुरबचन सिंह सलाारिया का जन्म 29 नवंबर 1935 को पंजाब के शकगरगढ़ के पास एक गांव जनवाल (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। वे गोरखा राइफल्स में कैप्टेन थे। वे संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के सदस्य थे। वह परमवीर चक्र प्राप्त करने वाले एकमात्र संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक हैं।

भारत के प्रथम परमवीर चक्र विजेता, मेजर सोमनाथ शर्मा!

By मानबी कटोच

1947 भारत पाकिस्तान युद्ध के नायक मेजर सोमनाथ शर्मा के अदम्य साहस और शौर्य की कहानी हमेशा हम भारतीयों को प्रेरित करती रहेगी! इस मुकाबले में सोमनाथ अपने कई साथियोंं के साथ शहीद जरूर हो गए, लेकिन उन्होंने दुश्मन को आगे नहीं बढ़ने दिया।

शहीद मेजर अक्षय की 5 साल की बेटी को ट्विटर पर मिली देश भर से शुभकामनायें!

By निशा डागर

हाल ही में, आर्टिस्ट हुतांश वर्मा ने दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में शहीद हुए मेजर अक्षय गिरीश की बेटी नैना अक्षय की एक प्यारी-सी तस्वीर साँझा करते हुए उसे जन्मदिन की बधाई दी। इसके बाद बहुत से लोगों ने तवीत को शेयर किया और नैना को बधाई देते हुए उसे ढेरों शुभकामनायें दी। यह पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

सूबेदार जोगिंदर सिंह: भारत-चीन युद्ध का वह सैनिक, जिनके सम्मान में चीनी सेना ने लौटायी थी उनकी अस्थियां!

By निशा डागर

साल 1962 में महीनों तक चलने वाले भारत-चीन के युद्ध को अक्सर भारत की हार के रूप में याद किया जाता है, लेकिन इस युद्ध में ऐसे बहुत से वीर सैनिक थे जिन्हें उनके द्वारा किये गए अविश्वसनीय कामों के लिए हमेशा याद किया जायेगा। और बहादुरी का ऐसा ही एक उदाहरण है सूबेदार जोगिंदर सिंह!

भगवान सिंह ने रोइंग में जीता ब्रॉन्ज़ मेडल; कभी मजबूरी में पढ़ाई छोड़कर की थी सेना में नौकरी!

By निशा डागर

अक्सर हमें खेलों के इतिहास में खिलाडियों के संघर्ष की ऐसी सच्ची कहानियां सुनने को मिलती हैं जो सबके दिलों को छु जाती हैं। ऐसी ही संघर्ष भरी कहानी है भारतीय सेना के रोवर (नाव खेने वाला) भगवान सिंह की। मोगा से लेकर एशियाई खेल 2018 तक की उनकी कहानी प्रेरणास्पद है।