यह कहानी हैनीरजा भनोट की, जो उस विमान की सीनियर परिचारिका थी और जिसने कई यात्रियों की भागने में मदद की। अपने 23वें जन्मदिन से महज़ 25 घंटे पहले तीन बच्चों को आतंकवादियों की गोलियों से बचाते हुए नीरजा की मौत हो गयी।
निहार और सपना नियमित रूप से जानकारी सत्र का भी आयोजन करते है। जिसमे सरकार द्वारा गरीबो के हित में बनाये नीतियों की पूरी जानकारी देते है और इनका लाभ उठाने में उनकी मदत भी करते है।