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जैविक खाद

दसवीं पास किसान का दमदार बिज़नेस, देसी कपास उगाकर बेचते हैं आर्गेनिक कपड़े

By निशा डागर

पंजाब के फाजिल्का में गांव ढिंगावाली के रहने वाले 60 वर्षीय किसान, सुरेंद्र पाल सिंह अनाज, दलहन, तिलहन और फलों के साथ-साथ, देसी कपास की भी जैविक खेती करते हैं। वह खुद अपने कपास की प्रोसेसिंग कर, इससे त्वचा के लिए उपयुक्त जैविक कपड़े भी बनवा रहे हैं।

किसानों को उद्यमी बनाने के लिए छोड़ी पत्रकारिता, 2500+ किसानों को दे चुके हैं प्रशिक्षण

झारखंड के देवघर में रहने वाले कृष्ण कुमार कन्हैया ने अपने 20 वर्षों के पत्रकारिता कैरियर ने दौरान, अन्न दाता, समय चौपाल जैसे कई लोकप्रिय कृषि आधारित कार्यक्रमों को चलाया है। लेकिन, जब उन्हें लगा कि किसानों की बेहतरी के लिए उन्हें कुछ अलग पहल करनी चाहिए, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और लग गए किसानों को नई राह दिखाने में।

करण सीकरी : अपनी मेहनत और लगन के दम पर खड़ा किया देश में पहला जैविक खाद का प्लांट!

By निशा डागर

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में शाहबाद मारकंडा जिले के डगाली गाँव से ताल्लुक रखने वाले करण सीकरी, एक प्रगतिशील किसान और उद्यमी हैं। उन्होंने साल 2004 में सीकरी फार्म्स की शुरुआत की और आज उनका बनाया जैविक खाद हरियाणा के आलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर तक जाता है।

चाय की जैविक खेती से हर साल 60-70 लाख रूपये कमा रहा है असम का यह किसान!

असम के रहने वाले तेनज़िंग बोडोसा चाय कि जैविक खेती करते हैं। सिर्फ़ चाय की खेती से उनकी सालाना कमाई 60-70 लाख रूपये है। चाय के अलावा वे फल-सब्ज़ियाँ और धान भी उगाते हैं। तेनज़िंग की चाय आज कनाडा, यूके, युएस जैसे देशों में भी मशहूर है।

20 रूपये की यह अनोखी शीशी किसानों को लाखों कमाने में मदद कर रही है, जानिए कैसे!

By निशा डागर

राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र द्वारा तैयार किये गये वेस्ट डीकम्पोज़र से किसानों को बहुत फायदा मिल रहा है। इसकी मदद से किसान खेतों की उर्वरकता बढ़ा सकते हैं और साथ ही, इसे किचन आदि से निकलने वाले कचरे में मिलाकर जैविक खाद तैयार कर सकते हैं। वेस्ट डीकम्पोज़र की शीशी आपको मात्र 20 रूपये में मिल जाएगी।

घर की छत पर उगा रही हैं 50+ साग-सब्जियाँ, साथ ही बनाती हैं ऑर्गनिक साबुन!

By निशा डागर

तमिलनाडु में चेन्नई निवासी अंजू अगरवाल के टेरेस गार्डन में 50 से भी ज्यादा पेड़ हैं। इनमें शामिल हैं, टमाटर, गाजर, चकुंदर, पलक आदि। उन्होंने 'द आर्गेनिक गार्डन फाउंडेशन' की शुरुआत की है और साथ ही उन्होंने अभी ऑर्गनिक साबुन बनाकर बेचना शुरू किया है।

मंदिर से इकट्ठा होने वाले फूलों को जैविक खाद में बदल रहे हैं अहमदाबाद के ये दो इंजीनियर!

By निशा डागर

गुजरात के अहमदाबाद से ताल्लुक रखने वाले दो इंजीनियर अर्जुन ठक्कर और यश भट्ट पिछले दो सालों से अपनी पहल 'ब्रूक एंड ब्लूम' के जरिये मंदिरों से इकट्ठा होने वाले फूलों से जैविक खाद बना रहे हैं। इनकी यह पहल अहमदाबाद नगर निगम के 'कलश प्रोजेक्ट' से जुडी हुई है।