IIT खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करनेवाले अजित कुमार और सागर कुमार, कहलगाँव में 'Stepupify Labs' के नाम से अपना एक स्टार्टअप चला रहे हैं और इसके तहत उन्होंने किसानों की मदद के लिए 'Farm Surveillance-Cum-Animal Scare' डिवाइस बनाया है।
राजस्थान में श्रीगंगानगर जिले के रहने वाले 62 वर्षीय गुरमैल सिंह धौंसी, एक फैब्रीकेटर, मैकेनिक और आविष्कारक हैं। उन्होंने कम्पोस्ट मेकर, ट्री प्रूनर जैसी 20 से ज्यादा मशीनें बनाई हैं।
ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में तलिता गाँव के रहने वाले, 74 वर्षीय गुरुचरण प्रधान एक रिटायर्ड शिक्षक और किसान हैं। उन्होंने 'कृषक साथी' नाम से एक कृषि यंत्र बनाया है, जो अकेला ही 10 यंत्रों का काम कर सकता है।
'पूसा फार्म सनफ्रिज' को भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के कृषि इंजीनियरिंग विभाग की प्रधान वैज्ञानिक, डॉ. संगीता चोपड़ा और उनकी टीम ने अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के साथ मिलकर बनाया है। इस कोल्ड स्टोरेज सुविधा को किसानों के लिए खेतों, मंडियों या बाज़ारों में भी बनाया जा सकता है।
डिब्रूगढ़, असम के रहने वाले 56 वर्षीय चाय किसान, दुर्लभ गोगोई ने 15 से ज्यादा फूड प्रोसेसिंग मशीनें बनाई हैं। जिनमें चाय, धान, हल्दी, अगर और अदरक जैसी फसलों को प्रोसेस करने वाली मशीनें शामिल हैं।
तेलांगना के सूर्यापेट जिले में रहने वाले 17 वर्षीय अशोक गोर्रे ने पुरानी और बेकार चीजों का इस्तेमाल करके एक 4 इन 1 मल्टी-पर्पस टूल बनाया है जो धान, कपास और मिर्च की खेती में काम आता है!