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डॉक्टर्स की पहल का नतीजा! अब हेयर ऑयल से लेकर अचार तक बना रहे आदिवासी, कई गुना बढ़ी आय

डॉ मंजू वासुदेवन और डॉ श्रीजा केरल के आदिवासियों के जीवन में एक उम्मीद की किरण बनकर आई हैं। उनका फारेस्ट पोस्ट उद्यम आदिवासियों के लिए एक नियमित आय का जरिया है।

भूरी बाई: जिस भारत-भवन के निर्माण में की दिहाड़ी-मजदूरी, वहीं पर बनीं मशहूर चित्रकार!

By निशा डागर

मध्य-प्रदेश जनजातीय संग्राहलय में कलाकार के पद पर काम करने वाली भील चित्रकर भूरीबाई बरिया आज कला और संस्कृति जगह का प्रसिद्द नाम है। उनकी बनाई पेंटिंग्स मध्य-प्रदेश के संग्रहालय से लेकर अमेरिका तक अपनी छाप छोड़ चुकी हैं। वे भील आदिवासी समुदाय से संबंध रखती हैं और आज अपनी 'पिथोरा चित्रकला' को आगे बढ़ा रही हैं। क

तिलका मांझी: भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का पहला स्वतंत्रता सेनानी!

By निशा डागर

तिलका मांझी का जन्म 11 फरवरी, 1750 को बिहार के सुल्तानगंज में 'तिलकपुर' नामक गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था। साल 1857 में मंगल पांडे के विद्रोह से भी पहले साल 1770 में उन्होंने आज़ादी की लड़ाई शुरू की थी। कई लेखकों और इतिहासकारों ने उन्हें 'प्रथम स्वतंत्रता सेनानी' होने का सम्मान दिया है।

लांस नायक अल्बर्ट एक्का: जिन्होंने जान देकर भी पाकिस्तानी सेना को अगरतला में कदम नहीं रखने दिया!

By निशा डागर

लांस नायक अल्बर्ट एक्का का जन्म 27 दिसम्बर, 1942 को झारखंड के गुमला जिला के डुमरी ब्लाक के जरी गांव में हुआ था। साल 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान उनके साहस और बलिदान के चलते ही आज अगरतला भारत का हिस्सा है और भारतीय सेना बांग्लादेश को आज़ादी दिलवा पाई।

बिरसा मुंडा: ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह करनेवाले पहले आदिवासी वीर

By निशा डागर

Birsa Munda: First Adivasi Freedom Fighter Of India. बिरसा मुंडा: ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ विद्रोह करनेवाले पहले आदिवासी वीर।

वासुदेव बलवंत फड़के: वह क्रांतिकारी जिनकी आदिवासी सेना ने अंग्रेजों को लोहे के चने चबवाये!

By निशा डागर

vasudev balwant phadke का जन्म 4 नवंबर, 1845 को महाराष्ट्र के रायगड जिले के शिरढोणे गांव में हुआ था। साल 1857 की क्रांति की विफलता

1 नवम्बर: भारत के छह राज्यों का एक ऐतिहासिक दिन!

By निशा डागर

भारत के इतिहास में 1 नवंबर का बहुत महत्व है। यह वह तारीख है जिस दिन वर्षों पहले देश के विभिन्न राज्यों का भाषा के आधार पर पुनर्गठन करने का फैसला लिया गया था। साल 1956 से लेकर साल 2000 तक इसी दिन भारत के छह अलग-अलग राज्यों का जन्म हुआ।

121 अंक प्राप्त कर JEE 2018 पास करने वाला तेलंगाना का पहला आदिवासी छात्र है साईं कृष्णा!

By निशा डागर

आदिलाबाद के 17 वर्षीय आदिवासी छात्र, गदम साईं कृष्णा ने जेईई (एडवांस) 2018 परीक्षा में एसटी श्रेणी के तहत 105वीं अखिल भारतीय रैंक प्राप्त की है। वह तेलंगाना के पहले आदिवासी छात्र हैं, जिन्होंने 121 अंक प्राप्त कर टेस्ट पास किया है। वे कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग करने के बाद आईएएस बनना चाहते हैं।

झारखण्ड की नयी भोजन वितरण योजना पहुंचाएगी करीब 70000 कमज़ोर आदिवासी परिवारों तक भोजन

झारखण्ड के आदिवासी गाँवों तक हांथो हाथ खाना पहुंचाने की एक योजना लायी गयी। इसका मकसद करीब 70,000 अत्यधिक गरीब परिवारों तक राशन पहुंचाना है।