1971 में डॉ. अजय मिस्त्री महज चार साल के थे, जब उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में अपने पिता को खो दिया था। तब से उनकी माँ ने बस एक ही सपना देखा कि गांव में एक अस्पताल बने ताकि हर किसी का समय पर इलाज हो पाए। उनकी माँ सुभासिनी मिश्रा ने सब्जियां बेचकर न सिर्फ अपने बेटे को डॉक्टर बनाया बल्कि अपने सपने को पूरा करके कईयों की मदद का जरिया भी बनीं।