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घर हो तो ऐसा

मिट्टी की चाह बनी प्रेरणा, आज गाँव में रहकर लोगों तक पहुंचा रहे हैं कोंकण की संस्कृति

अपनी खान-पान की संस्कृति को संरक्षित रखने के लिए महाराष्ट्र के शिरीष और पूजा गावस शहर का जीवन छोड़कर कोंकण में अपने गाँव तुमदार आ बसे और अपना एक यूट्यूब चैनल शुरू किया!

अच्छी-खासी नौकरी छोड़ दिल्ली से आ गईं हिमाचल, पुश्तैनी घर को बना दिया ईको-फ्रेंडली होमस्टे

दिल्ली की माधवी भाटिया अच्छी-खासी नौकरी छोड़, हिमाचल आ बसीं और अपने पैतृक घर को एक होमस्टे में बदल दिया। 200 साल पहले पत्थर और मिट्टी से बनाए गए शिमला के सबसे पुराने घरों में से एक सनीमीड होमस्टे यहाँ की प्राचीनता व संस्कृति को दर्शाता है।

विदेश की नौकरी छोड़, भारत में बसाया एक ऐसा फार्म स्टे जहाँ मिलती है देश की मिट्टी की खुशबू

शिमला की पहाड़ियों में बसा फार्म स्टे ‘हिमालयन ऑर्चर्ड’ भीड़-भाड़ वाले पर्यटक क्षेत्रों से दूर, शांत वातावरण के बीच बनाया गया है। यहाँ आकर मेहमान हिमाचल की लोकल, देसी और सस्टेनेबल लाइफस्टाइल का अनुभव कर सकते हैं।

बंजर पड़ी ज़मीन पर दंपति ने उगा दिए सैंकड़ों पेड़ और खेत, बनाया ऑर्गेनिक फार्म स्टे

बेंगलुरु से 75 किलोमीटर दूर स्थित खूबसूरत ढेंकनी फार्मस्टे, प्रकृति के बीच समय बिताने के लिए बेहतरीन जगह है। इस दो मंज़िला नेचुरल व ईको-फ्रेंडली कॉटेज को लड़की और स्थानीय पत्थरों से बनाया गया है।

मिट्टी के घर में रहने के साथ ऑर्गेनिक फॉर्म का भी मज़ा ले सकते हैं महाराष्ट्र के इस होमस्टे में

महाराष्ट्र में मालवान के रहने वाले आर्किटेक्ट सुमित देवूलकर ने एक अनोखे और सस्टेनेबल तरीके से अपने शहर के टूरिज्म में योगदान देने का फैसला किया और बनाया विहारा होमस्टे। यहाँ आने वाले मेहमान नेचुरल मटेरियल्स से बने घर में रहने के साथ-साथ, स्थानीय संस्कृति को भी जान सकते हैं।

मुंबई से महज़ 45 की दूरी पर, लेकिन शहर के शोर-शराबे से दूर है यह ईको-फ्रेंडली फार्मस्टे

छोटी नदियों और पहाड़ियों के से घिरे ‘किसान ईको फार्मस्टे’ में प्रकृति का बेहद खूबसूरत नज़ारा देखा जा सकता है। मुंबई से थोड़ी ही दूर हरियाली के बीच बसे इस ईको-फ्रेंडली फार्मस्टे में रहने का अनुभव काफ़ी अनोखा है।

कोलकाता से थोड़ी ही दूर बसा है जंगल और तालाब से घिरा यह प्राकृतिक होमस्टे

कोलकाता के नीलांजन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना क्षेत्र में पर्यटकों की मेजबानी के लिए एक ऐसा होमस्टे बनाया है जहाँ कोई भी शहर की भाग-दौड़ वाले ज़िंदगी को भूलकर, शांति और सुकून से समय बिता सकता है।

सिर्फ 2 लाख रुपये में बना है गोबर और बांस का यह ईको फ्रेंडली घर

यह घर है गुजरात के प्रगतिशील पशुपालक रमेश भाई का, जो गोंडल के पास वोरा कोटडा गांव में उनके खेत के बीच बसा हुआ है। यह घर देशी गाय का गोबर, नदियों के जल और और बिना सीमेंट के केवल प्राकृतिक चीज़ों से ही बना है, जो इसे बेहद खूबसूरत और सस्टेनेबल बनाते हैं।

हर सुविधा से लैस है मिट्टी से बना राजस्थान का यह सस्टेनेबल घर

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की शोभा बढ़ातीं इमारतों और हवेलियों के बीच, एक घर ऐसा है जो मिट्टी का बना है और अपनी सुंदरता से आस-पास से गुज़रने वालों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचता है। इसे देखकर किसी को भी लगेगा कि इस फार्महाउस को बनाने में सबसे महंगे और आधुनिक मटेरियल्स का इस्तेमाल किया गया होगा, लेकिन शून्य स्टूडियो की फाउंडर और आर्किटेक्ट श्रेया श्रीवास्तव कुछ और ही बताती हैं।

जैविक भोजन, शुद्ध हवा और हज़ारों पेड़-पौधे! पूरी तरह सस्टेनेबल है यह देसी फार्मस्टे

पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी, जैविक भोजन, सोलर पैनल.. राजस्थान के सीकर शहर में एक किसान का बनाया यह सस्टेनेबल फार्मस्टे ‘जोर की ढाणी’ अपने मेहमानों को एक अलग ही अनुभव देता है।