एक भी पेड़ काटे बिना, सुंदर पहाड़ी पर बना है यह हिल हाउस

केरल के वायनाड में बसे खूबसूरत सस्टेनेबल घर 'एस्टेट प्लावु' में वुडेन फ्लोर, क्ले के टाइल्स की छत, युकलिप्टस के पिलर्स और पत्थर के रास्तों का नज़ारा देखने को मिलता है। एक भी पेड़ को काटना या पत्थर को हटाना न पड़े इसलिए इस अनोखे घर का डिज़ाइन सबसे अलग बनाया गया, जिसका श्रेय जाता है बेंगलुरु के आर्किटेक्ट जॉर्ज रामापुरम और उनकी टीम को।

एक भी पेड़ काटे बिना, सुंदर पहाड़ी पर बना है यह हिल हाउस

बेंगलुरु की कंपनी अर्थिटेक्ट्स के आर्किटेक्ट जॉर्ज रामापुरम को काफ़ी ढूंढ़ने के बाद जब केरल के वायनाड में एक सुंदर पहाड़ी मिली, तो उन्होंने तुरंत यहाँ अपने क्लाइंट के लिए घर बनाने का फ़ैसला कर लिया। इस जगह की सुंदरता और शांति ने उनका मन मोह लिया।

प्रकृति से लदी यह पहाड़ी शहर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर बसी थी, लेकिन यहाँ का वातावरण बिल्कुल ही अलग था। वह याद करते हुए बताते हैं, "मुझे बस इतना पता था कि इस जगह को कंक्रीट के जंगल में तब्दील होने से बचाना है। साथ ही, मेरे क्लाइंट शहर के ट्रैफिक, प्रदूषण और भागदौड़ भरी ज़िंदगी से दूर रहना चाहते थे। यह मेरे लिए यहाँ की खूबसूरती और प्रकृति को बनाए रखने का अच्छा मौक़ा था।" 

Estate Plavu
एस्टेट प्लावु

पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचाकर नहीं; प्रकृति के बीच बना हिल हाउस

जॉर्ज रामापुरम को यह खूबसूरत जगह देखते ही हिल हाउस 'एस्टेट प्लावु' को बनाने का ख्याल आया। आज यह जगह सुकून से समय बिताने के लिए परफेक्ट है। यहां सुबह-सुबह पेड़ों के घने पत्तों के बीच से जब सूरज उगता है, तो यह पूरी जगह सुनहरी चमक से भर जाती है।

यहाँ चारों तरफ़ फैली हरियाली और चहचहाते पक्षियों की आवाज़ से किसी का भी मन खुश हो जाए। मलयालम में एस्टेट प्लावु का मतलब है 'कटहल का पेड़' और यही यहाँ की सबसे ख़ास बात है। दरअसल, यह घर पेड़-पौधों और पक्षियों को नुकसान पहुंचाकर नहीं, बल्कि 'प्रकृति के आसपास' बनाया गया है। नेचर से अपने लगाव के कारण जॉर्ज रामापुरम ने बिना एक भी पेड़ काटे इस ज़मीन को एक सस्टेनेबल होम में बदल दिया।

इस काम के लिए जॉर्ज और उनकी टीम को काफ़ी प्लानिंग और मशक़्क़त भी करनी पड़ी। यह ज़मीन ढलान पर थी और इसे बराबर करने में उन्हें कई पेड़ों को काटना पड़ता, इसलिए उन्होंने इस घर को अलग-अलग लेवल पर बनाने का फ़ैसला किया।

पत्थर की दीवारें, मिट्टी की टाइलें और नीलगिरी के खंभे

इस हिल हाउस को बनाते वक़्त कई बार बीच में पेड़ और पत्थर आते, तो आख़िरी वक़्त पर टीम को अपने डिज़ाइन में बदलाव करना पड़ता। इस तरह 2017 में शुरू हुए एस्टेट प्लावु को बनने में ढाई-तीन साल ज़रूर लगे, लेकिन सुविधाओं और सस्टेनेबिलिटी से बना यह घर आज एक अनोखे आर्किटेक्चर का बेहतरीन नमूना है। 

यहाँ वुडेन फ्लोर, क्ले के टाइल्स की छत, युकलिप्टस के पिलर्स और पत्थर के रास्ते बने हैं। यहाँ अलग-अलग लेवल पर लिविंग स्पेस, बेडरूम, किचन और डाइनिंग एरिया के साथ-साथ पूल और एक गज़ीबो भी है। इसके अलावा, घर के अंदर भी कई पेड़ मौजूद हैं। इस अनोखे घर में प्रकृति के बीच समय बिताना किसी जन्नत से कम नहीं है। 

संपादन- अर्चना दुबे

यह भी पढ़ें- मिट्टी, पत्थर और लकड़ी से बना हिमाचल का सस्टेनेबल होमस्टे ‘जंगल हट’

Related Articles
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe