वह पहली भारतीय लड़की जिसने सिर्फ़ 16 साल की उम्र में किया था ओलिंपिक डेब्यू!

16 साल की उम्र में ओलिंपिक में दौड़ने वाली वे सबसे युवा भारतीय धावक हैं।

वह पहली भारतीय लड़की जिसने सिर्फ़ 16 साल की उम्र में किया था ओलिंपिक डेब्यू!

गर कोई लड़की बहुत तेज़ी से काम करती है या फिर बहुत तेज़ दौड़ती है, तो कोई न कोई उसे पी. टी उषा कह ही देता है। भारत में पी.टी उषा कहलाना कोई मजाक नहीं बल्कि सम्मान की बात है क्योंकि यह नाम खेल की दुनिया में हमेशा-हमेशा के लिए अपनी छाप छोड़ चुका है।

भारत की सबसे ज़्यादा कामयाब और मशहूर एथलीट हैं पीटी उषा, जिन्हें कोई ‘गोल्डन गर्ल’ कहता है तो कोई ‘द क्वीन ऑफ़ ट्रैक एंड फ़ील्ड’ के नाम से जानता है। और हिंदी भाषी क्षेत्रों में उन्हें ‘उड़नपरी’ कहा जाता है क्योंकि सब जानते हैं कि जब पीटी उषा दौड़तीं हैं तो हवा से बातें करती हैं।

पर इतने सारे नाम और ख़िताब पाने का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था। या फिर यूँ कहें कि पीटी उषा अपनी किस्मत अपने हाथों की लकीरों में नहीं बल्कि अपने पैरों की गति में लिखवा कर लायीं थीं।

27 जून 1964 को केरल के कोज़िकोड जिले के पय्योली गाँव में एक बहुत ही ग़रीब परिवार में जन्मी पीटी उषा का पूरा नाम है - पिलावुलकन्दी थेक्केपराम्बिल उषा! और आज द बेटर इंडिया के साथ पढ़िए भारत की इस महान एथलीट की कहानी।

publive-image
पीटी उषा (साभार)

पीटी उषा का करियर हमारे देश के हर उस बच्चे के लिए एक प्रेरणा है जो खेल को अपना करियर बनाना चाहते हैं। बताया जाता है कि 80 के दशक में उषा और उनके कोच ओ. एम. नाम्बियार, केरल के घर-घर में मशहूर थे। हर लड़की पीटी उषा बनने का ख्वाब सजाती थी। अपनी निजी ज़िन्दगी में हर मुश्किल को पार करके वे दौड़ने के लिए ट्रैक पर पहुँचती थीं। घर की ग़रीबी और आर्थिक तंगी को उषा ने कभी भी अपने रास्ते का रोड़ा नहीं बनने दिया।

अपने टैलेंट के दम पर उन्हें कुन्नूर के स्पोर्ट्स क्लब से हर महीने 250 रुपये की स्कॉलरशिप मिलने लगी और साल 1976 में जब केरल सरकार ने ख़ासतौर पर महिलाओं के लिए स्पोर्ट्स की शुरुआत की, तो जिले का प्रधिनित्व करने के लिए उषा को चुना गया।

यहीं पर उषा को उनके कोच, ओ. एम. नाम्बियार मिले। उषा के पूरे करियर में उन्हें नाम्बियार ने ही ट्रेन किया। एक साक्षात्कार के दौरान नाम्बियार ने कहा था, “जिस बात ने मुझे पहली ही नजर में प्रभावित किया, वह थी उसका पतला शरीर और चलने की तेज़ गति। मुझे पता था कि यह लड़की बहुत अच्छी धावक बन सकती है।”

नाम्बियार की ट्रेनिंग में उषा ने साल 1978 में जूनियर्स के लिए हुई इंटर-स्टेट मीट में 100 मीटर, 60 मीटर बाधा दौड़, ऊंची कूद और 200 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीते। साथ ही, लंबी कूद में रजत और 4x100 मीटर रिले में कांस्य भी जीता। उस समय, वह महज 14 साल की थी। उसी साल केरल के कॉलेज मीट में भी उन्होंने 14 मेडल जीते। साल 1979 में उन्होंने कई नेशनल मेडल जीते और फिर साल 1980 में उन्होंने नेशनल मीट में कई रिकार्ड्स बनाने के बाद, मॉस्को गेम्स से अपना ओलिंपिक डेब्यू भी किया।

16 साल की उम्र में ओलिंपिक में दौड़ने वाली वे सबसे युवा भारतीय धावक हैं।

publive-image
उन्हें 'प्य्याली एक्सप्रेस' भी कहते हैं (साभार)

साल 1982 के एशियाड गेम्स में उन्होंने दो सिल्वर जीते तो 1983 की नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। इतना ही नहीं, उषा पहली भारतीय महिला हैं जो 1984 के ओलिंपिक में फाइनल्स तक पहुंची, वो भी अमेरिका की सबसे बेह्तरीन एथलीट को हराकर। हालांकि, वे यहां पर चौथे नंबर पर रहीं।

साल 1984 में ही उन्हें अर्जुन अवॉर्ड और पद्ममश्री से सम्मानित किया गया।

साल 1985 में पीटी उषा को 'ग्रेटेस्ट वुमन एथलीट' की उपाधि दी गई। उसी साल जकार्ता एशियन एथलेटिक्स मीट में उन्होंने 5 गोल्ड और एक ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया। साल 1986 के एशियार्ड गेम्स में उन्होंने 4 गोल्ड और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किया।

उषा के नाम सिंगल ट्रैक मीट पर किसी महिला एथलीट द्वारा सबसे ज़्यादा गोल्ड मेडल जीतने का विश्व रिकॉर्ड दर्ज है। उनकी इन्हीं सब उपलब्धियों के चलते उन्हें 'पय्याली एक्सप्रेस' का नाम मिला।

अपने पूरे करियर में उन्होंने 101 मेडल्स जीते हैं। 

publive-image
अपने मेडल और खिताबों के साथ उषा (साभार)

फ़िलहाल वे दक्षिणी रेलवे में अफसर हैं और साथ ही, केरल में युवा लड़कियों को कोचिंग दे रही हैं। उन्होंने 'उषा स्कूल' के नाम से एक स्पोर्ट्स स्कूल भी शुरू किया है, जिसके ज़रिए वे भारत के लिए ओलिंपिक में स्वर्ण जीतने के अपने सपने को पूरा करना चाहती हैं।

हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन पीटी उषा का यह सपना ज़रूर पूरा होगा। भारत की इस महान बेटी को द बेटर इंडिया का सलाम!

संपादन - मानबी कटोच 


यदि आपको इस कहानी से प्रेरणा मिली है या आप अपने किसी अनुभव को हमारे साथ बांटना चाहते हो तो हमें hindi@thebetterindia.com पर लिखे, या Facebook और Twitter पर संपर्क करे। आप हमें किसी भी प्रेरणात्मक ख़बर का वीडियो 7337854222 पर भेज सकते हैं।

Related Articles
Here are a few more articles:
Read the Next Article
Subscribe