हर पल भागती मुंबई मानसून के मौसम में आकर थोड़ी ठहर-सी जाती है। 1 जुलाई से शुरू हुई बारिश मुंबई के लोगों के लिए राहत के साथ-साथ परेशानी का सबब भी बनी हुई है। सड़कों पर पानी भरे होने के चलते यातायात तो ठप्प हो ही गया है, साथ ही, काम के लिए घरों से निकले बहुत-से लोग भी रास्ते में भी फंसकर रह गये।
पर कहते हैं ना, कि उम्मीद पर तो दुनिया कायम है और इसी उम्मीद की डोरी से मुंबई और मुंबई के लोग जुड़े हुए हैं। तभी तो सोशल मीडिया के ज़रिए यहाँ लोग एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं। बहुत-से मुंबई निवासियों ने बारिश में फंसे लोगों की मदद के लिए एक चेन शुरू की। यह पहल सोशल मीडिया पर #RainHost और #RainDost के नाम से वायरल हो रही है, इसमें मुंबईकर अपने इलाकों में फंसे अंजान लोगों के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल रहे हैं।
इस निःस्वार्थ इंसानियत की पहल की विले पार्ले में रहें वाले मेहुल गोहिल ने।
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उन्होंने ट्वीट किया कि अगर कोई भी बारिश में फंसा हुआ है और मदद की ज़रूरत है तो वे बेहिचक उन्हें संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने लिखा कि वे विले पार्ले में रहते हैं और उनका घर किसी भी ज़रूरतमंद के लिए खुला है।
उनकी इस पहल के लिए न सिर्फ़ लोगों ने उनकी सराहना की बल्कि कई लोगों ने इस चेन को आगे बढ़ाते हुए, मदद के लिए हाथ भी बढ़ाया। @NatellaPuncakes नामक एक और ट्विटर हैंडलर ने लोगों की मदद के लिए ट्वीट किया।
इस बारे में द बेटर इंडिया से बात करते हुए मेहुल ने बताया कि इस तरह लोगों की मदद करने की प्रेरणा उन्हें अपने एक अनुभव से मिली। उन्होंने बताया कि साल 2005 में मुंबई में आई बाढ़ में वे फंस गए थे और उनकी गर्दन तक पानी था। उस स्थिति में उन्हें बस एक मदद की उम्मीद थी कि कोई उन्हें वहां से बाहर निकाले। जैसे-तैसे वे खुद ही अपने घर पहुंचे और साथ ही, एक और आदमी की उन्होंने मदद की। यह घटना भले ही 14 साल पहले की है, लेकिन आज भी उन्हें अच्छे से याद है। और इसीलिए उन्हें पता है कि इस तरह की स्थिति में इंसान खुद को कितना असहाय महसूस करता है।
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ऐसे मुश्किल के समय में ही आपको लोगों की अच्छाई और इंसानियत का पता चलता है। मेहुल को ख़ुशी है कि उनका एक छोटा-सा ट्वीट बड़े अभियान में बदल गया। वे कहते हैं कि बारिश के वक़्त आपको अपने घर में ठहरने की जगह देने वाला शख्स एक सच्चे दोस्त की तरह पूरे दिल से आपकी मदद करता है।
उनकी यह पहल सिर्फ़ इंसानों के लिए ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी है। इस तरह की प्राकृतिक आपदा के वक़्त, जब इंसान परेशान और असहाय हो जाते हैं तो आप जरा बेज़ुबान जानवरों के बारे में सोचिये। इसलिए मेहुल अपने घर में बेसहारा जानवरों को भी शरण दे रहे हैं।
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मेहुल की इस सोच और अभियान की सब जगह तारीफ़ हो रही है और ज़्यादा से ज़्यादा लोग उनके साथ जुड़ भी रहे हैं। बहुत-से लोग मदद के इस काम के लिए फंड इकट्ठा करने के लिए भी तैयार हैं। आपका एक छोटा-सा कदम किसी के लिए बड़ा सहारा बन सकता है और हज़ारों लोगों के लिए प्रेरणा भी। इसलिए जहाँ भी हो, जैसे भी हो बस किसी ज़रूरतमंद की मदद करें!
संपादन - मानबी कटोच