Powered by

Latest Stories

Homeकर्नाटक

कर्नाटक

माता-पिता के कैंसर को देख बेटे ने शुरू किया आर्गेनिक फूड बिजनेस, जुड़े हैं 12000+ ग्राहक

आकाश की करीब 2 साल पुरानी लिविंग फूड कंपनी ‘फार्म टू फार्क’ के सिद्धांत पर काम करती है और ताजा सब्जियां, बेक्ड ब्रेड, आदि सीधे अपने ग्राहकों के दरवाजे तक पहुँचाती है।

एक एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती से सालाना 6 लाख रुपये कमाते हैं किसान शशिधर

By निशा डागर

कर्नाटक में धारवाड़ के रहने वाले 44 वर्षीय शशिधर चिक्कप्पा अपनी एक एकड़ ज़मीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती करते हैं।

एयरटेल से ट्रूकॉलर तक: 24 वर्षीय इस युवक ने चोरी होने से बचाया है 70 करोड़ लोगों का डाटा

By निशा डागर

कर्नाटक में मैसुर के रहने वाले 24 वर्षीय एहराज अहमद ने एयरटेल, ट्रूकॉलर और जस्टडायल जैसी 10 कंपनियों के डाटा को चोरी होने से बचाया है और दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने यह स्किल किसी प्रोफेशनल कोर्स से नहीं बल्कि गूगल से सीखी हैं!

मिट्टी-पत्थर से 40+ इमारत बना चुकीं हैं ये आर्किटेक्ट, 2000+ छात्रों को भी किया प्रशिक्षित

बेंगलुरू स्थित आर्किटेक्चर फर्म ‘मेसन्स इंक’ के संस्थापक रोजी पॉल और श्रीदेवी चंगाली, अपनी संस्था के तहत हेरिटेज कंजर्वेशन, अर्थेन स्ट्रक्चर और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ावा देने के साथ-साथ सामान्य लोगों को इसके महत्व को लेकर जागरूक की दिशा में वर्षों से प्रयासरत हैं।

बेंगलुरु: रिटायरमेंट के बाद शुरू की बागवानी, अब छत पर हैं 200 से अधिक पेड़-पौधे

रिटायरमेंट के बाद 63 वर्षीया राजेश्वरी ने अपने गार्डनिंग के शौक को पूरा करने का मन बनाया और अपने छत पर बागवानी शुरू कर दी, आज उनके टेरेस गार्डन में 200 से अधिक पौधे हैं।

सिविल इंजीनियर का अनोखा इनोवेशन, बिना मिट्टी एक बार में उग सकता है 30 किलो तक हरा चारा

By निशा डागर

देश में हरे चारे की कमी को पूरा करने के लिए सिविल इंजीनियर ने हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का इस्तेमाल कर बनाई अनोखी मशीन!

100 किसानों के उत्पाद लेकर 12 किस्म के चिप्स बनाए, विदेश तक पहुँचाया भारत का स्वाद

By निशा डागर

किसानों की मदद करने के लिए 12 किस्म के फल और सब्ज़ियों से चिप्स बना रहा है कर्नाटक का यह कॉलेज लेक्चरर!

गाजर की सफाई के लिए मशीन से लेकर बैलगाड़ी के लिए ब्रेक तक बना चुके हैं संतोष

By निशा डागर

कर्नाटक में बेलगाम के रहने वाले संतोष कावेरी अब तक लगभग 2500 किसानों को 'Carrot Cleaning Machine' दे चुके हैं!

दादी का बनाया खाना लोगों तक पहुँचाने के लिए छोड़ी नौकरी, अब 1.5 करोड़ रुपये है सालाना आय

By पूजा दास

दादी-चाची के हाथों से बने भोजन का स्वाद ही कुछ और होता है। इसी स्वादिष्ट स्वाद को घर-घर तक पहुँचाने के लिए मुरली गुंडन्ना ने बेंगलुरु में अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने “फ़ूड बॉक्स” नाम से एक स्टार्टअप की शुरूआत की जहाँ से घर का पका खाना लिया जा सकता है।

मात्र 1000 रुपये और एक मैंगो जैम के ऑर्डर से की शुरुआत, आज लाखों का है बिज़नेस

By निशा डागर

लगभग 8 साल तक रिक्रूटमेंट सेक्टर में जॉब करने के बाद आरती अपने शौक के लिए रेसिपी ब्लॉग लिखतीं थीं और वहीं से उनके इस सफ़र की शुरुआत हुई!