गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में, वह तिफ़्ल (छोटा बच्चा) क्या गिरे जो घुटनों के बल चले! मिर्ज़ा अज़ीम बेग की ये लाइनें आगरा की रहनेवाली दिव्या सिकरवार पर बिल्कुल सटीक बैठती हैं। UPPSC जैसी कठिन परीक्षा, जिसके लिए लोग न जाने कितने पैसे खर्च कर सालों साल तैयारी करते हैं, उस परीक्षा को दिव्या ने बिना कोचिंग किए न सिर्फ पास किया, बल्कि टॉपर भी बनीं।
उत्तर प्रदेश के आगरा के छोटे से गांव गढ़ी रामी की रहनेवाली दिव्या और उनके परिवार के लिए यह किसी सपने से कम नहीं था। 26 साल की दिव्या सिकरवार के पिता राजपाल सिकरवार, सेना से रिटायर्ड हैं और दिव्या के एक भाई पुलिस में हैं। वहीं उनके दूसरे भाई फिलहाल ग्रेजुएशन कर रहे हैं।
दिव्या के पिता हमेशा से अपनी बेटी को अफसर बनते देखना चाहते थे और पिता के सपने को पूरा करने के लिए दिव्या ने भी खूब मेहनत की।
UPPSC की तैयारी से न भटके इसलिए नहीं करती थीं मोबाइल का इस्तेमाल
दिव्या ने UPPSC की तैयारी के लिए कभी कोई कोचिंग नहीं की। वह घर से ही तैयारी किया करती थीं और इस दौरान उनका ध्यान न भटके, इसलिए वह मोबाइल तक का इस्तेमाल नहीं करती थीं। उन्होंने सिर्फ ऑनलाइन पड़ाई करने के लिए ही फोन का इस्तेमाल किया।
दिव्या ने इससे पहले भी दो बार यह परीक्षा दी थी, लेकिन पहली बार में वह मेंस नहीं निकाल पाईं और दूसरी बार में केवल 2 नंबर से उनका सलेक्शन नहीं हो पाया था।
दो-दो बार फेल होने के बाद, दिव्या ने कोई और नौकरी करने का मन बना लिया था, लेकिन उनकी माँ ने उन्हें पीछे हटने से मना कर दिया। इसके बाद, दिव्या ने फिर से कोशिश करने का फैसला किया और ऐसी तैयारी की कि तीसरी बार में उन्होंने न सिर्फ परीक्षा पास की, बल्कि टॉप भी कर दिखाया।
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