Powered by

Home अनमोल इंडियंस इस कोचिंग क्लास में मनचाही फ़ीस देकर पढ़ सकते हैं बच्चें, शहर से लौटे दो दोस्तों की पहल

इस कोचिंग क्लास में मनचाही फ़ीस देकर पढ़ सकते हैं बच्चें, शहर से लौटे दो दोस्तों की पहल

तीन साल पहले शहर से पढ़ाई करके सोनभद्र लौटे दो दोस्त आज अपने गाँव में ही एक अनोखा कोचिंग सेंटर चला रहे हैं, जहाँ कोई भी बच्चा मनचाही फ़ीस देकर अच्छी शिक्षा हासिल कर सकता है।

New Update
Free education, sonbhadra

एक इंसान चाहे, तो शिक्षा से केवल अपना ही नहीं, पूरे समाज का भला कर सकता है। यह सिर्फ़ कहने की बात नहीं है, बल्कि कई ऐसे लोग हैं, जो इस बात को सच भी साबित कर रहे हैं। सोनभद्र, उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो दोस्त- ब्रिजेश और संजय शहर से पढ़कर गाँव लौटने के बाद, गरीब बच्चों को पढ़ाने का काम रहे हैं।

द बेटर इंडिया से बात करते हुए ब्रिजेश बताते हैं, "अक्सर गाँव-देहात के बच्चे पैसों की कमी की वजह से पढ़ नहीं पाते। हमने गाँव से बाहर जाकर अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन कई मजबूर बच्चे बाहर भी नहीं निकल पाते। ऐसे ही बच्चों को शिक्षा देने के लिए हमने अपनी कोचिंग क्लास खोलने के बारे में सोचा। गाँव के ये बच्चे साधनों की कमी की वजह से अंग्रेज़ी वग़ैरह भी नहीं पढ़ पाते, इसलिए हम उन्हें अंग्रेज़ी, गणित और विज्ञान जैसे विषयों का ज्ञान दे रहे हैं।"

600 बच्चों का जीवन शिक्षा से कर चुके हैं रौशन

ब्रिजेश और संजय का मकसद है कि वे गरीब बच्चों को ज़्यादा से ज़्यादा चीज़ें सिखा सकें, ताकि जीवन में आगे जाकर ये बच्चे खुद को किसी से कम न समझें और उन्हें कभी किसी समस्या का सामना न करना पड़े। वे चाहते हैं कि हर बच्चा उच्च शिक्षा हासिल करे।

ब्रिजेश और संजय मुफ्त में तो नहीं पढ़ाते, लेकिन बच्चे जितनी भी फ़ीस दे पाते हैं, उसी को वे खुशी से स्वीकार लेते हैं। ये दोनों पिछले तीन सालों से यह काम कर रहे हैं और अब तक वे 600 बच्चों को शिक्षा दे चुके हैं। संजय और ब्रिजेश बस यही चाहते हैं कि गाँवों में भी लोग जागरूक हों, ताकि वे अपने बच्चों को पढ़ाएं-लिखाएं और उन्हें भी एक बेहतर भविष्य मिल सके।

अगर आप संजय और ब्रिजेश से संपर्क करना चाहते हैं, तो उन्हें 6388 201 382 पर कॉल कर सकते हैं।

संपादन- अर्चना दुबे

यह भी पढ़ें- रक्षक भी, शिक्षक भी! ड्यूटी के बाद गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं पुलिस कॉन्स्टेबल विकास कुमार