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तरला दलाल: 17000 शाकाहारी व्यंजनों से भारत की तस्वीर बदलने वाली होम शेफ

Huma Qureshi will play the character of Tarla Dalal

जानें कौन थीं तरला दलाल, जिनके जीवन पर बन रही फिल्म में हुमा निभाएंगी उनका किरदार!

खाना पकाने की कला में माहिर होने के साथ-साथ, सफल बिज़नेस चलाने के हुनर की बात हो और भारत की तरला दलाल (Tarla Dalal) का नाम ज़बान पर ना आए, ऐसा तो हो ही नहीं सकता। तरला दलाल, भारत की सबसे मशहूर सेलीब्रिटी शेफ और कुकबुक लेखकों में से एक हैं। उन्हें अक्सर भारतीय शाकाहारी कुकिंग की जूलिया चाइल्ड भी कहा जाता है।

तरला, उन गृहिणियों में से हैं जिन्होंने अपने खाना बनाने के शौक़ को एक नई दिशा दी और ऊंचाइयों तक पहुंचीं। उन्होंने न केवल खाने की कई किताबें लिखीं, बल्कि अपने पारंपरिक भारतीय खाना पकाने के कौशल को एक सफल बिज़नेस में भी बदला। तरला दलाल को उनके बेहतरीन काम के लिए पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। 

खाना पकाने के प्रति प्रेम और प्रयोग के माध्यम से उन्होंने रोज़मर्रा के शाकाहारी भारतीय कुकिंग में एक तरह की क्रांति का आगाज़ किया था। मुलायम इडली हो या मेक्सिकन रैप, तरला दलाल सैकड़ों व्यंजनों की आसान रेसिपी लेकर आईं, जिससे उन्होंने खाना बनाना आसान भी किया और कई लोगों को खाना बनाने के लिए प्रेरित भी किया। 

तरला दलाल (Tarla Dalal) के जीवन पर बन रही फिल्म

Recipes of Tarla Dalal
तरला दलाल के जीवन पर एक फिल्म बनने जा रही है

जल्द ही तरला दलाल के जीवन पर एक फिल्म बनने जा रही है। फिल्म का नाम भी ‘तरला’ रखा गया है। इस फिल्म में बॉलीवुड अभिनेत्री, हुमा कुरैशी मुख्य भूमिका में नज़र आएंगी। फिल्म में तरला दलाल के जीवन से जुड़ी मुख्य घटनाएं और पाक कला के सबसे ऊंचे मकाम पर पहुंचने तक के उनके सफर के बारे में बताया जाएगा। 

इस फिल्म का निर्माण रोनी स्क्रूवाला, अश्विनी अय्यर तिवारी और नितेश तिवारी द्वारा किया जाएगा और इसके निर्देशक पीयूष गुप्ता हैं। पीयूष गुप्ता लेखक हैं और बतौर निर्देशक यह उनकी पहली फिल्म है।

खाना पकाना – एक विरासत

तरला दलाल (Tarla Dalal) का जन्म पुणे में हुआ। साल 1960 में तरला की शादी नलिन से हुई, जिसके बाद वह मुंबई शिफ्ट हो गईं। तरला को खाना पकाने का शौक़ शुरु से रहा। 1966 में उन्होंने अपने शौक़ और जुनून को एक नई दिशा देने का फैसला किया और अपने पड़ोसियों के लिए कुकरी क्लास चलाने लगीं। इस क्लास में वह साधारण थाई डिश से लेकर मेक्सिकन, इटालियन और भारतीय व्यंजन बनाना सिखाती थीं।

लोगों को उनकी क्लास बेहद पसंद आई और कुछ ही समय में वह काफी लोकप्रिय हो गईं। इसके बाद, काफी बड़ी संख्या में लोग तरला की क्लास में एनरोल कराने आने लगे। उनकी क्लास की लोकप्रियता को देखते हुए, उस समय भारत के सबसे प्रमुख प्रकाशकों में से एक, वकील एंड संस ने उनकी पहली कुकबुक प्रकाशित करने के लिए उनके साथ कोलेबोरेट किया। इस किताब का नाम था – ‘द प्लेजर ऑफ वेजिटेरियन कुकिंग’।

साल 1974 में प्रकाशित की गई इस किताब में इंडियन, चायनीज़ और पश्चिमी शाकाहारी व्यंजनों की कई रेसिपी थी। इस किताब का अनुवाद कई भारतीय भाषाओं जैसे हिंदी, गुजराती, मराठी, बंगाली के साथ-साथ डच और रूसी जैसी विदेशी भाषाओं में भी किया गया था।

इस किताब ने उन्हें और किताबें लिखने के लिए प्रेरित किया। बाद में तरला ने कुल करीब 170 किताबें लिखी।

कुकिंग क्षेत्र में पद्म श्री से सम्मानित एक मात्र भारतीय (Tarla Dalal)

तरला की पाक कला में गहरी समझ थी। अपनी किताबों में उन्होंने कई विषयों पर फोकस किया और अलग-अलग तरह की रेसिपीज़ के बारे में बताया, जैसे- सुबह का नाश्ता, कम तेल में खाना बनाना, देसी भोजन, गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए दिलचस्प रेसिपीज़ आदि। इसके अलावा, उन्होंने एक हेल्थ सिरीज़ भी लिखी। 

इन वर्षों में, तरला दलाल के कुकबुक की लाखों प्रतियां बिकीं, जिससे वह भारतीय गृहिणियों और कामकाजी महिलाओं के किचन का हिस्सा बन गईं। तरला हमेशा समय के साथ आगे बढ़ती गईं। उन्होंने ‘तरला दलाल फूड्स’ (TDF) नाम के एक ब्रांड  के तहत रेडी-टू-कुक मिक्स की एक लाइन भी लॉन्च की।

मुंबई के पास अंबरनाथ में एक कारखाने में 18 से अधिक तरह के इंस्टेंट मिक्स बनाए जाते थे। साल 2013 में, इसे कॉर्न प्रोडक्ट्स कंपनी (इंडिया) लिमिटेड द्वारा अधिग्रहित किया गया था। तरला, साल 2007 में खाना पकाने के क्षेत्र में बेहतरीन काम करने के लिए पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित होने वाली एकमात्र भारतीय बनीं।

माँ की विरासत संभाल रहा बेटा

Black pepper
“हम स्वास्थ्य से जुड़ी रेसिपीज़ पर ध्यान देते हैं”

17,000 व्यंजनों की रेसिपी के साथ तरला ने अपनी वेबसाइट – www.tarladalal.com – लॉन्च की। ऐसा दावा किया जाता है कि यह सबसे बड़ी भारतीय फूड रेसिपी वेबसाइट है, जिसमें देशी से लेकर अंतर्राष्ट्रीय व्यंजनों की उनकी सभी शाकाहारी रेसिपीज़ शामिल हैं।

उन्होंने कुकिंग एंड मोर नामक एक द्विमासिक पत्रिका भी निकाली और टेलीविजन पर कुकिंग शो होस्ट करना भी शुरु किया। यह उनका अपना शो ‘कुक इट अप विद तरला दलाल’ था, जिसने उन्हें घर-घर में लोकप्रियता दिलाई और सेलीब्रिटी शेफ बनाया। 

साल 2013 में, 77 वर्ष की आयु में, तरला दलाल (Tarla Dalal) का उनके मुंबई आवास पर दिल का दौरा पड़ा और उनका निधन हो गया। वह अपने पीछे पाक कला की 40 साल की विरासत छोड़ गईं। उनके तीन बच्चे हैं। उनके बेटे संजय दलाल अब वेबसाइट, कुकबुक के प्रकाशन,  कुकरी क्लास और सोशल मीडिया अकाउंट देखते हैं।

संजय के अनुसार, अब वेबसाइट पर लगभग 18,000 रेसिपी के अलावा, फूड से जुड़े विषयों पर लेख और हिंदी और अंग्रेजी में शब्दों की बढ़ती शब्दावली भी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, “माँ के जीवित रहने पर जो हम किया करते थे, वह आज भी जारी है। हम स्वास्थ्य से जुड़ी रेसिपीज़ पर ध्यान देते हैं और इससे जुड़े वीडियोज़ और जानकारियां वेबसाइट पर अपलोड करते हैं।”

मूल लेखः अंजली कृष्णन

संपादनः अर्चना दुबे

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