खुद सातवीं के बाद नहीं जा पाए थे स्कूल, अब 6500 बच्चों को शिक्षित कर रहें मामून

कभी खुद आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ने वाले मामून, आज 6500 बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की लौ जला रहे हैं।

Mamoon Akhtar

कभी-कभी मुश्किल हालत इंसान को इतना मजबूत बना देते हैं कि वह अपने साथ-साथ दूसरों के लिए भी उदाहरण बन जाता है। कोलकाता के मामून मलिक की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। मामून कोलकाता में Samaritan Help Mission school नाम से चार इंग्लिश मीडियम स्कूल चला रहे हैं। उनका यह स्कूल खास करके उन बच्चों के लिए जिनके परिवार के पास दो वक़्त के खाने के पैसे भी बड़ी मुश्किल से आ पाते हैं।

इस स्कूल को शुरू करने की प्रेरणा मामून को अपने जीवन के अनुभवों से मिली थी। एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले मामून पढ़ने में कभी तेज़ थे लेकिन आर्थिक कारणों के कारण उनको सातवीं के बाद स्कूल छोड़ना पड़ा था। उस समय उनके परिवार के पास स्कूल की फीस देने के पैसे नहीं थे। 

हालांकि उनका स्कूल तो छूट गया लेकिन पढ़ाई नहीं, उन्होंने अपनी घर पर रहकर कुछ बच्चों को पढ़ाना शुरू किया और  घर में रहकर बारहवीं तक की शिक्षा हासिल की। 

मगर, मामून ने तभी ठान लिया था कि वह आगे चलकर अपने जैसे जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए जरूर कुछ करेंगे। अपने खर्चे के लिए बच्चों को पढ़ाते हुए ही उन्होंने एक छोटी सी पहल की शुरुआत की और जरूरतमंद बच्चों को फ्री में पढ़ाना शुरू किया।  

Mamoon Akhtar

एक खत ने बदले हालात

वह अपने घर के छोटे से कमरे में गरीब बच्चों को शिक्षित करने लगें। मामून जानते थे कि यह उनके अकेले के बस की बात नहीं इसलिए उन्होंने Samaritan Help Mission school नाम से एक संस्था बनाकर इस काम की शुरुआत की। लेकिन, लम्बे समय तक उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही थी। 

उनकी कोशिश तब कामयाब हुई जब एक दिन मामून ने न्यूज़ पेपर में U.S. Consulate General की पत्नी के सामाजिक कल्याण काम के बारे में पढ़ा और मदद के लिए उन्हें खत लिया।  

उनके लिखे खत को पढ़कर वह खुद मामून के स्कूल में उनसे मिलने आई। उनकी मदद से स्कूल को पहली बाद 10 हजार रुपये की बड़ी राशि डोनेशन के तौर पर मिली। इतना नहीं उन्होंने मामून के स्कूल पर अख़बारों में लेख प्रकाशित करवाएं। 

इस घटना के बाद तो मामून और उनकी स्कूल को कई लोगों की मदद मिलने लगी। आज एक छोटे से कमरे से शुरू हुई पहल चार English Medium School में तब्दील हो गयी है। जहाँ नाम मात्र की फीस के साथ 6500 बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। मामून ऐसे और कई स्कूल खोलकर हर जरूरतमंद बच्चे को शिक्षित करने का सपना देखते हैं, जिसमें उन्हें आपके मदद की जरूरत है। 

उनकी मदद करने के लिए आप उनसे 9836777600 पर सम्पर्क कर सकते हैं।   

यह भी देखेंः 22 सालों से खुद के खर्च पर अर्पण कर रहे सैकड़ों बेसहारों की सेवा

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