26 साल के युवक ने बनाई झटपट बिजली बनाने वाली पोर्टेबल पवन चक्की

Portable Windmill

राजस्थान के एक छोटे से गांव के रहने वाले डूंगर सिंह सोढ़ा ने अपने घर की बिजली की समस्या का समाधान खोजते-खोजते एक ऐसा कमाल का आविष्कार कर दिया जिससे आम आदमी से लेकर आर्मी के जवान तक हर कोई झट-पट बिजली बना सकता है।

अपनी समस्या का समाधान खोजते हुए 26 साल के एक युवक ने ऐसा गजब का आविष्कार कर दिया, जिसका फायदा आज गांव के किसान से लेकर आर्मी के जवान तक उठा सकते हैं। हम बात कर रहें हैं राजस्थान के डूंगर सिंह सोढा की,  जिन्होंने बनाई है देश की सबसे सस्ती पोर्टेबल पवन चक्की। 

साइज में छोटी और दाम में कम होने के कारण इस पवन चक्की से कोई भी, कहीं भी, कभी भी बिजली बना सकता है।  

दरअसल, डूंगर सिंह जब छोटे थे तब उनके गांव में अक्सर बिजली चली जाती थी। कई बार तो तूफान के कारण बिजली कई-कई दिनों तक नहीं आती थी, ऐसे में वह हमेशा सोचते रहते कि ऐसा क्या किया जाएं जिससे बिजली की दिक्क्त कभी किसी को न हो।  

डूंगर सिंह पढ़ाई और नौकरी के लिए सूरत आकर बस गए, लेकिन बचपन का अपना वह सपना कभी नहीं भूलें। वह अक्सर बिजली बनाने के अलग-अलग तरीको के बारे में सोचते और पढ़ते रहते थे। हालांकि सोलर पैनल एक तरीका था, लेकिन उसकी अपनी दिक्क़ते और खर्चा था। वह कुछ ऐसा बनाना चाहते थे जो सस्ता और आसान हो।  

तभी उन्हें विंडमिल बनाने का ख्याल आया और उन्होंने जुगाड़ से एक विंडमिल बना दी। अपनी जुगाड़ से बनी विंडमिल की सफलता के बाद उनका आत्मविश्वास और बढ़ गया और फिर उन्होंने Sunwind नाम से एक स्टार्टअप शुरू करके इसका प्रोडक्शन शुरू कर दिया।  

देश-विदेश में हिट है डूंगर सिंह की पवन चक्की

Dungar singh sodha

आज डूंगर सिंह को उनके प्रोडक्ट का लाइसेंस भी मिल चुका है और वह देश ही नहीं विदेश तक इस पोर्टेबल विंडमिल को बेच रहे हैं।  50 हजार से भी कम दाम में मिलने वाली उनकी एक किलोवॉट की पोर्टेबल पवन चक्की हर दिन आराम से 20 यूनिट बिजली बना सकती है। 

जो दूर दराज के खेतों और फार्म हाउस जैसी जगहों के लिए बड़े काम की चीज है। तो अगर आप भी बिजली के लम्बे-चौड़े बिल से हो गए हैं परेशान तो डूंगर सिंह का आविष्कार कर सकता है आपका भी काम आसान।

यह भी देखें – खेती का अनोखा मॉडल, यहां तालाब के ऊपर उगती हैं सब्जियां

We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons:

Let us know how you felt

  • love
  • like
  • inspired
  • support
  • appreciate
X