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द बेटर इंडिया की पहल का असर! ज़रूरतमंदों तक पहुँची खुशियों की थाली

द बेटर इंडिया और स्वप्ना फाउंडेशन ने मिलकर की एक पहल, जिसके ज़रिए सैंकड़ों लोगों को पेटभर भोजन के साथ हमने परोसीं ढेर सारी खुशियाँ भी। इस काम में हमें मिला आपका भी साथ, शुक्रिया!

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सड़क पर किसी वृद्ध को भीख माँगते या किसी बच्चे को गुब्बारे बेचते तो आपने भी देखा होगा! समाज में हमारे बीच ऐसे कई लोग हैं जो रोटी, कपड़ा और छत जैसी मूल ज़रूरतों से भी वंचित हैं। 

यह ज़िम्मेदारी है हमारी कि इनकी मदद के लिए हम आगे आएं और जितना बन पड़े, इनके जीवन में उतना बदलाव लाने की कोशिश करें। यह मदद कई तरीकों से की जा सकती है; उनसे सामान खरीदकर, एक कप चाय पिलाकर, यहाँ तक कि दो मीठे शब्द बोलकर भी आप उनका दिन बना सकते हैं। 

ज़रूरत है तो बस दिल में करुणा और लोगों के प्रति प्रेम भाव की। भोजन की बहुत ही मूल ज़रूरत को पूरा करते हुए हमने ऐसे कई लोगों से जुड़ने और उन्हें समझने का प्रयास किया।  

क्योंकि अगर पेटभर और सही भोजन पाकर बच्चे-बड़े स्वस्थ रहेंगे, तभी इनका जीवन सुधरेगा और इस समाज का निर्माण हो पाएगा। 

इन लोगों की मुस्कान के पीछे की वजह बने आप!

An Initiative by The Better India and Swapna Foundation
द बेटर इंडिया और स्वप्ना फाउंडेशन की पहल

द बेटर इंडिया ने भोजन के ज़रिए लोगों को खुशियाँ बाँटने की पहल की और शुरुआत हुई #परोसें_खुशियाँ की। इसमें हमारा साथ दिया 2019 से चल रहे लखनऊ के प्रतिष्ठित NGO स्वप्ना फाउंडेशन ने। 

स्वप्ना फाउंडेशन की टीम ने लखनऊ, दिल्ली, मथुरा और उन्नाव की सड़कों और बस्तियों में जाकर लोगों को खाना बांटने का काम किया। इस मकसद के साथ कि ज़्यादा से ज़्यादा ज़रूरतमंद लोगों के घरों तक राशन और थाली तक रोटी पहुँच सके। जिससे छोटे-छोटे बच्चों को सड़कों पर भटकना न पड़े, और गरीब परिवारों को भूखे पेट न सोना पड़े।  

महज़ चार दिन में हमने आठ बस्तियों में जाकर 560 लोगों तक भोजन पहुँचाया। इसके अलावा, सड़कों पर रात बिताने के लिए मजबूर और बेसहारा लोगों को हम थाली वितरित करने पहुँच सके। 

दो रोटी के लिए दिन भर मजदूरी कर, रिक्शा चलाकर, मशक्क़त करने वाले 140 मेहनती लोगों को एक वक़्त का खाना उपलब्ध कराने में भी हम सक्षम रहे। 

यह सब मुमकिन हुआ आपके सहयोग से। 

यूँ ही हर कदम पर देते रहिए हमारा साथ। आइए मिलकर ‘परोसें खुशियाँ’!

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