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केमिकल फार्मिंग और जंक फूड के जमाने में पैरेंट्स के सामने एक बड़ी चुनौती है, अपने बच्चों को पौष्टिक आहार खिला पाना, हरिद्वार की रहने वाली डॉ. अंशु के सामने भी यही उलझन थी, जिसे उन्होंने अवसर में बदला, और आज ना सिर्फ वो गार्डनिंग करके अपनी बच्ची को ऑर्गेनिक फल-सब्जियां खिला रही हैं, बल्कि अपने जैसे कई पैरेंट्स की मदद भी कर रही हैं ।
डॉ अंशु राठी पिछले दस सालों से अपने घर की 200 गज की जगह में ढेरों पौधे उगा रही हैं। उनके घर में करीबन 1000 पौधे हैं जिसमें से 200 गमलों में उन्होंने किस्म-किस्म की फल-सब्जियां उगाई हैं। अंशु ये सभी पौधे पुरे ऑर्गनिक तरीके से उगाती हैं। पेशे से डेंटिस्ट अंशु का घर देखकर आपको लगेगा कि आप किसी अर्बन जंगल में आ गए हैं। उनके अर्बन फार्मर बनने के इस सफर में द बेटर इंडिया ने भी अहम भूमिका निभाई है।
वह बताती हैं, “मैं लगातार Search कर रही थी, इसी दौरान मुझे The Better India - Hindi का पेज मिला। जिसपर काफी वीडियोज थीं ऑर्गनिक तरीके से टेरेस पर सब्जियां उगाने की, फल उगाने की, बस फिर तभी से मैंने अपना गार्डन भी शुरू किया।"
बेटी को ऑर्गनिक सब्जियां खिलाने के लिए शुरू की गार्डनिंग
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दरअसल, डॉ. अंशु ने एक बार अमरुद के बागान में फलों को केमिकल के इंजेक्शन देते हुए देखा था। इससे उन्हें अपनी बेटी के भविष्य की चिंता हो गई। जिसके बाद केवल तीन-चार पौधों से गार्डनिंग की शुरु की । शुरआत आसान नहीं थी, उनके ढेरों पौधे पहले मर गर थे। लेकिन लगातार कोशिश से एक-दो साल में ही वो फल सब्जियां उगाने में माहिर हो गईं।
आसान सब्जियों से शुरु करके उन्होंने बैगन, लीची, अमरुद, शिमला मिर्च सहित 20 फल और हर तरह की मौसमी फल-सब्जियों की नियमित रूप से उगाना चालू कर दिया।
आज डॉ. अंशु खुश हैं कि अपनी बेटी को एक स्वस्थ जीवन देने में आख़िरकार सफल हो गई हैं।
वो चाहती थीं कि उनकी ही तरह दूसरे लोग भी ऑर्गनिक गार्डनिंग से प्रेरित होकर अपने लिए ताज़ा सब्जियां उगाएं। अपने इंस्टाग्राम चैनल myplantsmygarden के ज़रिए यह काम कर भी रही हैं।
अगर आप भी उनके छोटे-छोटे टिप्स से गार्डनिंग की शुरुआत करना चाहते हैं तो उन्हें उनके इंस्टाग्राम पर संपर्क कर सकते हैं।
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