आकाश की करीब 2 साल पुरानी लिविंग फूड कंपनी ‘फार्म टू फार्क’ के सिद्धांत पर काम करती है और ताजा सब्जियां, बेक्ड ब्रेड, आदि सीधे अपने ग्राहकों के दरवाजे तक पहुँचाती है।
मुंबई में रहने वाली गार्गी पारखे मूल रूप से एक कॉलेज स्टूडेंट हैं और लॉकडाउन के दौरान उन्होंने जब देखा कि लोग अपने घरों से दूर फंसे हैं और होटल बंद होने की वजह से उन्हें खाना आसानी से नहीं मिल रहा है, तो ऐसी स्थिति में उन्होंने अपनी माँ के साथ मिलकर खाने की होम डिलीवरी सर्विस शुरू कर दी।
हरियाणा के शौफी गाँव के रहने वाले गौरव राणा की। वह ब्यूटी स्टार्टअप कैलेप्सो के संस्थापक हैं और इसके तहत वह न सिर्फ हर साल करोड़ों रुपए की कमाई करते हैं, बल्कि 100 से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।
विनोद ने इंटरनेट से मिलिट्री मशरूम की खेती के तरीके को सीख कर, अपने एक 15x15 के कमरे को लैब में बदल दिया और करीब 1 लाख रुपए से सभी संसाधनों को जुटा कर, इसकी खेती शुरू कर दी।
जम्मू की रहने वाली तान्या दिल्ली में एक शेफ इंस्ट्रक्टर के तौर पर काम करती थीं, लेकिन कुछ अलग करने की चाहत में उन्होंने नौकरी छोड़ खुद के बेकरी बिजनेस को शुरू करने का फैसला किया, जिसके जरिए आज वह हर महीने 30 हजार से अधिक रुपए कमा रहीं हैं।
बिहार के रहने वाले दो भाईयों ने नौकरी छोड़ ‘एग्रीफीडर’ नामक स्टार्टअप शुरु किया है। दोनों भाईयों की यह जोड़ी किसानों को औषधीय पौधों की खेती के लिए प्रोत्साहित करती है ताकि इसका इस्तेमाल मसाला-मिक्स हर्बल चाय में हो और किसान ज़्यादा मुनाफा कमा सकें।
आज उत्तराखंड में खेती-किसानी के क्षेत्र में दिव्या का एक जाना-माना नाम है। लोग उन्हें ‘मशरूम गर्ल’ के नाम से जानते हैं। खेती कार्यों में उनके उल्लेखनीय योगदानों के लिए साल 2016 में उन्हें भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
मध्य प्रदेश के इन गाँवों में पशु तो बहुत थे, लेकिन पशु-आहार बनानेवाला कोई नहीं। ऐसे में , विपिन को यह व्यवसाय करने की सूझी, जिससे अब वह हर महीने लाखों का कारोबार करते हैं।