अगर आप इलेक्ट्रिक साइकिल (E cycle) और स्कूटर की सवारी करने की सोचें, तो उसमें कौन-कौन सी विशेषताएं चाहेंगे? शायद अच्छी स्पीड और कम खर्च, यही ना? कुछ ऐसी ही विशेषताओं के साथ ई-साइकल की नई सीरीज़ लेकर नई दिल्ली का एक ई-मोबिलिटी स्टार्टअप, Voltrider Private Limited बाजार में उतरा है। कंपनी ने हाल ही में इलेक्ट्रिक साइकिलों की ‘वोल्टन बूटी’ सीरिज़ लॉन्च की है।
पिछले महीने लॉन्च हुई वोल्टन बूटी के तीन मॉडल उपलब्ध हैं। बूटी-30, 25.6V/12 Ah LFP (लिथियम आयरन फॉस्फेट) बैटरी पैक के साथ आता है, जो थ्रॉटल मोड पर 30-35 किमी और पेडल असिस्ट के साथ 45-60 किमी की रेंज देता करता है। बूटी-60, 25.6 वी/20 Ah LFP बैटरी पैक के साथ आता है, जो थ्रॉटल मोड पर 55-60 किमी और पेडल असिस्ट के साथ 75-80 किमी की बैटरी रेंज पेश करता है।
सबसे बढ़िया विशेषता बूटी-120 की बताई गई है, जो 25.6 V/36 Ah बैटरी पैक के साथ आता है और थ्रॉटल मोड पर 90-120 किमी और पेडल सहायता के साथ 130-150 किमी की रेंज प्रदान करता है।
इन सभी ई-बाइकों की अधिकतम स्पीड 25 किमी प्रति घंटा है। इसकी बैटरी को पूरी तरह से चार्ज होने में लगभग 3.5 घंटे का समय लगता है। इसे घर पर ही किसी भी सॉकेट से चार्ज किया जा सकता है। बूटी डिटैचेबल बैटरी के साथ आती है (बूटी-120 को छोड़कर), जिससे इसे घर या ऑफिस में चार्ज करना आसान रहता है।
विदेशों से भी मिल रहे ऑर्डर

द बेटर इंडिया के साथ बात करते हुए वोल्टराइडर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ प्रशांत ने बताया कि अब तक वह इस ई-साइकिल की करीब 100 यूनिट बेच चुके हैं। इसके साथ ही अब वह विदेश में भी इसे बेचने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। अब तक उन्हें डरबन, दक्षिण अफ्रीका सहित लगभग 400 जगहों से ऑर्डर मिले हैं।
इस बारे में विस्तार से बात करते हुए प्रशांत बताते हैं, “टीम वोल्टन इनोवेटरों का एक ग्रूप है जो स्टाइल, उपयोगिता और सुरक्षा के बीच संतुलन बनाते हुए प्रोडक्ट बनाता है।” वह कहते हैं कि वे इलेक्ट्रिक साइकिल सेगमेंट में चल रहे ‘कट, कॉपी और पेस्ट’ की प्रथा को तोड़ना चाहते हैं, जहां केवल स्टाइल पर ध्यान केंद्रित किया गया है और उपयोगिता को पीछे रखा गया है।
प्रशांत आगे बताते हैं कि, उनका मकसद ऐसे प्रोडक्ट बनाना है, जिनमें उपयोगिता ज्यादा से ज्यादा हो। वह कहते हैं, “ हमारा फोकस विश्वसनियता, प्रोडक्ट की आसान देख-रेख, स्टाइल और प्रोडक्ट की सस्ती कीमत पर है।”
उन्होंने बताया कि उनके टीम के सदस्यों के पास औपचारिक डिग्री नहीं है, बल्कि इनमें से ज्यादातर सदस्यों को व्यावहारिक रूप से ट्रेनिंग मिली है। वह कहते हैं, “हम मोबिलिटी के क्षेत्र में इसलिए आए, क्योंकि हम इंडस्ट्री के काम करने के तरीके में बदलाव लाना चाहते थे और ऐसे प्रोडक्ट्स लाना चाहते थे, जो ग्राहकों के लिए उपयोगी भी हों और उनकी कीमत भी कम हो।”
भारतीय बाजार में बूटी सिरीज E cycle, खासकर बूटी -120 क्यों है महत्वपूर्ण?
प्रशांत के स्टार्टअप की एचडीएफसी बैंक के साथ बातचीत चल रही है। दोनों के बीच कॉन्ट्रैक्ट साइन करने पर विचार चल रहा है, ताकि लोगों को बूटी खरीदने के लिए बैंक से वित्तीय सहायता मिल सके। इसके बाद ग्राहकों को केवल आधार कार्ड और पैन कार्ड की ज़रूरत होगी। यह ग्राहकों को 1,600 रुपये से 2,500 रुपये तक की मासिक किस्त के साथ बूटी उपलब्ध कराएगा। प्रशांत बताते हैं कि वह पूरे भारत में अपने डीलर नेटवर्क का विस्तार करने पर भी विचार कर रहे हैं।
प्रशांत बताते हैं, “वोल्टन बूटी का नाम साइकिल और स्कूटी को मिला कर लिया गया है। हम इसके ज़रिए स्कूटी का आराम और उपयोगिता और एक साइकिल की सुविधा देना चाहते थे। लंबी सीट का उपयोग करने का विचार इस बात से आया कि 95% लोग जो अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों के लिए ई-साइकिल का उपयोग करना चाहते थे, उन्हें बैठने के लिए नियमित साइकिल की सीट आरामदायक नहीं लगी, शायद इसलिए क्योंकि उन्हें स्कूटी या मोटरसाइकिल पर बैठने की आदत हो गई थी।”
बूटी-120 में 36 Ah बैटरी पैक का इस्तेमाल किया गया है, जो वास्तविक समय में एक सवारी के वज़न के आधार पर, पूरी तरह से थ्रॉटल मोड पर 90-120 किमी के बीच की रेंज देता है।
मिलती है 3 साल की वॉरंटी

प्रशांत कहते हैं, “हम उन लोगों के लिए एक किफायती मॉडल उपलब्ध कराना चाहते थे, जिन्हें लंबी दूरी की यात्रा करने की आवश्यकता होती है। वर्तमान में जिन वाहनों के विकल्प उपलब्ध हैं उनकी शुरुआत 1,50,000 रुपये से होती है, जो आम आदमी के लिए वहन करना संभव नहीं है।”
उन्होंने आगे बताया, “वोल्टन बूटी सीरीज के सभी प्रकार 140 किलोग्राम तक वज़न उठा सकते हैं। इसके लिए, 20×3 इंच मोटे टायर लगाए गए हैं, जिसमें मेटल का मडगार्ड लगा है। साइकिल के रिम में 28 की जगह 36 स्पोक्स लगाए गए हैं, जो 20 इंच के व्हील रिम्स में पाई जाती हैं। सभी साइकिलों में मेगा हब लगाए गए हैं, जिनका उपयोग नियमित हब के बजाय हाई एंड एमटीबी बाइक में किया जाता है और साथ ही कॉटरलेस चेन व्हील भी लगाई गई है। ”
प्रशांत का दावा है कि मोटर, कंट्रोलर और थ्रॉटल को छोड़कर वोल्टन बूटी ई-बाइक बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए सभी पुर्जे भारत के भीतर से मंगवाए जाते हैं।
वह बताते हैं, “हालांकि, 36 स्पोक वाले 20 इंच के व्हील रिम को हमारे द्वारा विकसित किया गया है, क्योंकि नियमित 20 इंच व्हील रिम्स, 20 या 28 होल के साथ उपलब्ध हैं। सुरक्षा हमारी प्रमुख चिंता है और इसकी दिशा में पहले कदम के रूप में हम एलएफपी बैटरी का उपयोग करते हैं, क्योंकि अन्य ली-आयन बैटरी केमिस्ट्री की तुलना में इसकी थर्मल स्थिरता बेहतर है। इसके अलावा, इन एलएफपी बैटरियों की शेल्फ लाइफ लंबी भी होती है।”
यही कारण है कि बूटी की बैटरी तीन साल की वॉरंटी के साथ आती है।
प्रति 25 किमी सिर्फ 1 रुपये होते हैं खर्च
प्रशांत बताते हैं, “हम नजफगढ़ में अपनी निर्माण सुविधा में हर 20 साइकिल में से दो को जीपीएस के साथ वास्तविक रोड टेस्ट के लिए भेजते हैं, ताकि उनके वास्तविक प्रदर्शन का आंकलन किया जा सके। उचित कामकाज और परिवेश के तापमान का पता लगाने के लिए पहर बैटरी को पूरी तरह से चार्ज और डिस्चार्ज किया जाता है। हर बूटी में राइडर और पीछे बैठे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ओवरलोड और ओवरहीटिंग से सुरक्षा के लिए एमसीबी (मिनिएचर सर्किट ब्रेकर) लगाया गया है।”
प्रशांत का कहना है कि वोल्टन बूटी ई-बाइक पर यात्रा करने वालों को प्रति 25 किमी केवल 1 रुपये खर्च करने होंगे।
इस बारे में विस्तार से बात करते हुए वे कहते हैं, “25 किमी के लिए 1 रुपये का मतलब है कि बैटरी चार्ज करने में खपत होने वाली बिजली की लागत लगभग 1 रुपये है। उदाहरण के लिए, बूटी -30 में इस्तेमाल किया गया बैटरी पैक जो एक बार चार्ज करने पर 30 से 35 किमी के बीच यात्रा करता है, उसे 24 volt/12 Ah रेट किया गया है, जो 288 वाट (बिजली की एक यूनिट का लगभग एक चौथाई) के बराबर है। प्रति यूनिट लागत को 5 रुपये मानते हुए, बैटरी को 30 किमी की यात्रा करने के लिए चार्ज करने की लागत 1.25 रुपये या 25 किमी के लिए 1 रुपये है।”
इस E cycle की क्या है कीमत?

जब वोल्टन बूटी को पैक किया जाता है, तो हैंडलबार और आगे के पहिये अलग हो जाते हैं। इसका मतलब है कि जब बूटी ग्राहक तक पहुंचती है, तो उसे फिर से एसेंबल करने की ज़रूरत होती है। उपभोक्ता ई-बाइक की इस सीरीज को 27,999 रुपये से लेकर 40,999 रुपये की कीमत रेंज में खरीद सकते हैं।
ग्राहकों को इससे जुड़ी ज्यादा जानकारी उनकी वेबसाइट पर मिल जाएगी।
प्रशांत का कहना है, “हमने पहला इलेक्ट्रिक ट्राइक भी पेश किया है और पहले दो सीटर इलेक्ट्रिक रिक्शा को भी पेश करने पर भी कां कर रहे हैं।”
मूल लेखः रिनचेन नॉर्बू वांगचुक
संपादनः अर्चना दुबे
यह भी पढ़ेंः ज़ोमैटो डिलीवरी बॉय ने बना दी इलेक्ट्रिक-सोलर साइकिल, इसी से करते थे इको-फ्रेंडली डिलीवरी
We at The Better India want to showcase everything that is working in this country. By using the power of constructive journalism, we want to change India – one story at a time. If you read us, like us and want this positive movement to grow, then do consider supporting us via the following buttons: