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आज हेल्दी नाश्ता बिज़नेस चलाने वाले हैदराबाद के राजेंद्र प्रसाद रेगोंडा ने 20 सालों से ज़्यादा समय तक आईटी सेक्टर में काम करने के बाद, ज़िंदगी में कुछ अलग करने का मन बना लिया। क्योंकि अच्छी सैलरी वाली एक बढ़िया जॉब होने के बावजूद, वह ज़्यादा खुश नहीं थे और कुछ कमी महसूस करते थे। ऐसा शायद इसलिए, क्योंकि बचपन से ही उनका, अपना एक बिज़नेस शुरू करने का सपना था।
आख़िर उन्होंने खाना खाने और बनाने के अपने शौक़ को बिज़नेस में बदलने का फ़ैसला किया। साल 2019 में उन्होंने ‘टी स्नैक्स’ नाम से एक क्लाउड किचन शुरू किया, जो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के हेल्दी और पारंपरिक स्नैक्स बनाते हैं।
यह कंपनी शुरू करने का उनका मुख्य उद्देश्य, बच्चों के लिए हेल्दी स्नैक्स बनाना था। 48 साल के राजेंद्र बताते हैं, “दो बच्चों का पिता होने की वजह से मैं जानता हूँ कि बच्चों को हेल्दी चीज़ें खिलाना कितना मुश्किल है। साथ ही आज-कल लोग घर में स्वास्थ्यवर्धक खाना बनाने के बजाए स्नैक्स खाना ज़्यादा पसंद करते हैं। इसलिए उन्होंने सोचा कि क्यों न बच्चों के लिए हेल्दी स्नैक्स बनाए जाएं।”
आज राजेंद्र अपनी कंपनी के ज़रिए अलग-अलग तरह के कई स्वादिष्ट स्नैक्स, मिठाई, अचार व पोड़ी बेचते हैं और हर महीने क़रीब 1 लाख की कमाई कर रहे हैं। इसके अलावा, वह अपने प्रॉडक्ट्स को USA, UK, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी भेजते हैं।
लॉकडाउन के समय काफ़ी मुश्किल थी शुरुआत
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2019 में हेल्दी नाश्ता बिज़नेस शुरू करने के कुछ समय बाद लॉकडाउन हो गया, जिसकी वजह से राजेंद्र को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा और एक समय ऐसा आया, जब उन्हें अपना बिज़नेस बंद करना पड़ा। राजेंद्र बताते हैं, “हमने प्रगति नगर में अपने घर के पास एक बिल्डिंग किराए पर ली और लगभग 5 लाख रुपये का इंवेस्टमेंट करके अपनी रसोई की शुरुआत की थी। लेकिन सिर्फ़ तीन महीनों बाद, लॉकडाउन की वजह से इसे बंद करना पड़ा। उस वक़्त मेरे पास आईटी जॉब थी, जिसकी वजह से सब ठीक-ठाक चलता रहा।”
कॉर्पोरेट जॉब और बिज़नेस, दोनों को साथ में मैनेज करना उनके लिए आसान नहीं था, लेकिन उस वक़्त उनकी पत्नी ने पूरी तरह से किचन को संभाला। वह बताते हैं, “उस दौरान हमारा बिज़नेस तो बंद हो गया था, लेकिन अपने किचन के ज़रिए हम उन लोगों की मदद करते रहे, जो महामारी से लड़ रहे थे। मेरे कई दोस्तों ने इस नेक काम में काफ़ी मदद की।” राजेंद्र आगे कहते हैं कि जून 2020 में, पहले लॉकडाउन के बाद उन्होंने अपना बिज़नेस फिर से शुरू किया।
'टी स्नैक्स' नाम से हेल्दी नाश्ता बिज़नेस शुरू करने के लिए छोड़ी जॉब
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फिर से किचन शुरू होने के बाद भी कई चुनौतियां आईं, राजेंद्र बताते हैं, “पूरा स्टाफ़ काम पर वापस नहीं आ पा रहा था, क्योंकि अभी भी कोरोना का डर बना हुआ था। मैं अपनी जॉब के चलते काफ़ी बिज़ी रहता, मीटिंग्स और आउटिंग्स पर जाता रहता, ऐसे में मेरी पत्नी को ही घर, बच्चे और बिज़नेस सब कुछ संभालना पड़ रहा था। इस सब के चलते मैंने अपनी नौकरी छोड़ पूरी तरह बिज़नेस पर ध्यान देने का फ़ैसला कर लिया।”
इसके बाद की राह भी उनके लिए बहुत आसान नहीं थी। राजेंद्र बताते हैं, “बिज़नेस दोबारा शुरू तो हो गया, लेकिन हमारे प्रॉडक्ट्स ज़्यादा लोग नहीं ख़रीद रहे थे। लोग कोरोना के कारण बाहर का सामान लेने से हिचकिचाते।” राजेंद्र ने इसके बाद फेसबुक और व्हाट्सऐप के ज़रिए अपने ब्रांड की मार्केटिंग करना शुरू किया और इससे उन्हें काफ़ी फ़ायदा हुआ। वह कहते हैं, “मैंने अपने किचन में सामान बनाने के प्रॉसेस के फोटोज़ और वीडियोज़ बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड किये, लोगों ने देखा कि हम पूरे एहतियात और सफ़ाई का ध्यान रखते हुए स्नैक्स बनाते हैं।” इस तरह धीरे-धीरे उन्हें ज़्यादा ऑर्डर्स मिलने लगे।
रेगुलर स्नैक्स को दिया हेल्दी ट्विस्ट
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खाना खाने और बनाने के अपने शौक़ को बिज़नेस में बदलने में राजेंद्र को उनकी पत्नी, माँ और दोस्तों से काफ़ी सपोर्ट मिला। T Snacks के ज़्यादातर प्रोडक्ट्स की रेसिपीज़ उनकी माँ ने दी हैं और राजेंद्र ने इन स्नैक्स को एक हेल्दी ट्विस्ट दिया।
वह बताते हैं, “आंध्र और तेलंगाना के स्नैक्स बनाने का तरीक़ा साधारण ही था, लेकिन हमने इन रेसेपीज़ में हेल्दी इंग्रीडिएंट्स मिलाकर इन्हें लोगों के लिए ज़्यादा सेहतमंद बनाया। चैक्कालु हमारे सबसे ज़्यादा बिकने वाले प्रॉडक्ट्स में से एक है, जो चावल से बनाया जाता है। हमने इसकी रेसेपी में चुकंदर और गाजर मिलाकर इसे स्वाद में और बेहतर और काफ़ी ज़्यादा हेल्दी बना दिया है। सब्जियां खाने में नख़रे करने वाले बच्चे भी आज हमारी इस डिश को काफ़ी पसंद करते हैं।”
आज टी स्नैक्स हेल्दी नाश्ता मेन् में मुरुकुलु, जंथिकुलु, सकीनालु, करापुसा, सर्व पिंडी, जैसे लगभग 25 तरह के पारंपरिक स्नैक्स मिलते हैं। स्नैक्स के अलावा यहाँ असेलु, गवलु, चालीविडी जैसी स्वादिष्ट मिठाइयां और अलग-अलग तरह के लड्डू भी बनाए जाते हैं। इसके अलावा, उनके पास पोड़ी और अचार का भी एक लंबा मेन्यू है।
11 लोग काम करते हैं, जिनमें से 10 महिलाएं हैं
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राजेंद्र कहते हैं, “पांच लाख के इन्वेस्टमेंट से शुरू हुए इस बिज़नेस से आज हम हर महीने एक लाख रुपये तक कमा रहे हैं।” यह रक़म उनके IT जॉब से कम है, लेकिन राजेंद्र अपने पैशन से कमाई कर काफ़ी खुश और संतुष्ट हैं। अब उन्हें अपनी ज़िंदगी में किसी चीज़ की कमी महसूस नहीं होती।
अगर आप भी राजेंद्र से हेल्दी नाश्ता ख़रीदना चाहते हैं, तो उनके फेसबुक पेज पर विज़िट कर सकते हैं।
मूल लेख - अंजली कृष्णन
संपादनः अर्चना दुबे
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