How Latika Patel from Maharashtra gained profit in fruit processing business by using Solar Dryer Machine.
दहाणु, महाराष्ट्र की लतिका पाटिल का परिवार सालों से चीकू की खेती से जुड़ा था। वे अपने चार एकड़ के खेत में चीकू उगाते थे। उनके फार्म से चीकू आस-पास के शहरों में भी जाते थे। लेकिन कई बार इन फलों के खराब हो जाने के कारण, इसकी सही कीमत उन्हें नहीं मिल पाती थी।
लतिका के पति अच्युत पाटिल ने 20 साल पहले, चीकू को धूप में सुखाकर प्रोसेसिंग करना शुरू किया था। उस दौरान लतिका स्कूल में पढ़ाया करती थीं।
उन्होंने बताया, “मैं हमेशा से खेती में थोड़ी-थोड़ी रुचि लेती थी। लेकिन साल 2015 में रिटायर होने के बाद, मैंने इसमें ज्यादा समय देना शुरू किया।”
लतिका ने बाद में चीकू के साथ कई तरह के प्रयोग किए। उन्होंने अलग-अलग ट्रेनिंग प्रोग्राम में भाग लेना शुरू किया। जिससे उन्हें कई नए-नए आईडियाज़ पर काम करने का ख्याल भी आया। इसके बाद. उन्होंने प्रोसेसिंग पर ज्यादा ध्यान देना शुरू किया।
प्रोसेसिंग में ज्यादा समय और मेहनत लगती थी, लेकिन कम से कम वह अपनी फसल को बर्बाद होने से बचा पाते थे और फिर उनके इस प्रोसेसिंग बिज़नेस में बड़ा बदलाव करीब छह साल पहले आया।
Solar Dryer ने खेती को बनाया सफल बिज़नेस
वे 20 साल पहले से ही चीकू की प्रोसेसिंग करके प्रोडक्ट्स बना रहे थे, लेकिन गुणवत्ता के मामले में उन्हें अच्छा रिजल्ट नहीं मिल पा रहा था। फिर तक़रीबन छह साल पहले, उनके बेटे निनाद ने उन्हें Solar Dryer मशीन के बारे में बताया।
लतिका कहती हैं, “मेरे बेटे ने जब Solar Dryer मशीन के बारे में बताया, तो मुझे यह काफी फायदेमंद लगा, मैंने उसे एक Solar Dryer मशीन लाने को कहा। पहली मशीन से काम करके हमें इतना अच्छा रिजल्ट मिला कि धीरे-धीरे हमने और मशीन खरीदना शुरू कर दिया।”
आज उनके पास 20 Solar Dryer मशीनें हैं। एक मशीन की कीमत 40 हजार रुपये है। उन्होंने आस-पास के कई किसानों को भी यह मशीन दी है। साथ ही, महिलाओं को इसकी ट्रेनिंग भी दे रही हैं। अब तो गांव के कई दूसरे किसान भी अपने खेत में चीकू को सुखाकर, लतिका को दूसरे प्रोडक्ट्स बनाने के लिए देते हैं।
इस Solar Dryer मशीन में वे चीकू के साथ प्याज, केले सहित कई और फसलें भी सुखाते हैं। लतिका ने बताया कि इसमें सुखाई सब्जियों और फलों का रंग और स्वाद लम्बे समय तक अच्छा रहता है। इसलिए वह इससे काफी खुश भी हैं।
निनाद, औरा ग्रीन की मार्केटिंग का सारा काम देखते हैं। वह अपने प्रोडक्ट्स, ऑनलाइन देश भर में पंहुचा रहे हैं। इसके साथ ही उनका दहाणु में ही एक ‘औरा ग्रीन’ कैफ़े भी है, जहां से लोग उनके प्रोडक्ट्स खरीद सकते हैं।
लतिका ने बताया कि Solar Dryer से उनके साथ कई और किसानों को भी फायदा पहुंचा है। चीकू, बहुत जल्दी ख़राब होने वाला फल है, इसलिए अगर फ्रेश चीकू नहीं बिकते, तो किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता था। वहीं धूप में इसे सुखाने में भी कई बातों का ख्याल रखना पड़ता था। जबकि इस ड्रायर से आसानी से चीकू सूख जाते हैं और अलग- अलग प्रोडक्ट्स बनाने में इस्तेमाल होते हैं।
चीकू चिप्स बनाने के लिए भी वे सोलर ऊर्जा का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया, “हमारे चीकू चॉकलेट और अचार लोगों को बहुत पसंद आते हैं, अचार बिल्कुल तेल के बिना बनाया जाता है। Solar Dryer से प्रोसेसिंग के बाद, उनका मुनाफा करीब 30 प्रतिशत बढ़ गया है। अभी उनके प्रोसेस्ड प्रोडक्ट्स से ही सालाना नौ लाख की कमाई होती है।
लतिका दूसरे किसानों को भी Solar Dryer मशीन का उपयोग करके प्रोसेसिंग करने की सलाह देती हैं। साथ में वह मानती हैं कि इस मशीन की कीमत एक आम किसान के लिए थोड़ी ज्यादा है, इसलिए अगर सरकार इस तरह की मशीन में सब्सिडी दे, तो किसानों को काफी फायदा हो सकता है।
आप भी औरा ग्रीन से प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए के लिए उन्हें यहां संपर्क कर सकते हैं। आप Solar Dryer या उनके प्रोडक्ट्स के बारे में ज्यादा जानने के लिए निनाद पाटिल को 7021437213 पर भी संपर्क कर सकते हैं।
संपादन – अर्चना दुबे
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